अक्टूबर माह के अंत तक मेडिकल कॉलेज में मरीजों को भर्ती कर इलाज की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। गौरतलब है कि मेडिकल कॉलेज में 4 माह पहले से ओपीडी सुविधा दी जा रही है। अब आईपीडी सुविधा भी शुरू होने वाली है। इसी को देखते हुए 17 अक्टूबर से गायनी और पीडियाट्रिक विभाग में कार्यरत सभी डॉक्टरों की सेवाएं पूरी तरह मेडिकल कॉलेज में ले ली जाएंगी।
लेकिन परेशानी यह है कि मेडिकल कॉलेज तक पहुंचने वाले मार्ग की हालत इतनी जर्जर और बदहाल है कि यहां पैदल चलना तक मुश्किल है। इसी टूटे-फूटे और पथरीले रास्ते से मरीजों को गुजरना होगा और अस्पताल पहुंचना होगा। प्रशासन की ओर से भी अभी तक सड़क की मरम्मत के लिए कोई पहल नहीं की गई है। यहां तक कि जनप्रतिनिधियों ने भी इसकी तरफ ध्यान नहीं दिया।
आईपीडी सुविधा शुरू हो जाने से इस मार्ग पर यातायात भी बढ़ जाएगा और मरीजों की संख्या लगातार बढ़ेगी। वाहनों में खासकर एंबुलेंस की आवाजाही में बढ़ोतरी होगी, लेकिन सड़क के जर्जर होने से मरीजों को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। मेडिकल कॉलेज पहुंचने के लिए बस स्टैंड से होकर एक ही रास्ता जाता है, लेकिन 3 किलोमीटर की इस पूरी सड़क की हालत इतनी बदतर है कि रोड में जगह-जगह गड्ढे देखने को मिलते हैं। यहां बहुत जल्द सड़क मरम्मत और सड़क के चौड़ीकरण कराए जाने की आवश्यकता है।
मेडिकल कॉलेज के पहुंच मार्ग की सड़क जर्जर होने से आए दिन यहां दुर्घटनाएं होती रहती हैं। मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर स्टाफ नर्सेज सभी इस रास्ते का इस्तेमाल करते हैं और दुर्घटना का शिकार होकर घायल होते रहते हैं। मरीजों को साथ लेकर इस रास्ते से गुजरना और भी ज्यादा मुश्किल होगा।
सड़क की मरम्मत के विषय में जब शहडोल के कमिश्नर राजीव शर्मा से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज पहुंच मार्ग का निरीक्षण किया जाएगा और जल्द से जल्द मरम्मत कार्य शुरू किया जाएगा। प्रशासन को जरूरत है कि मेडिकल कॉलेज में आईपीडी सुविधा शुरू करने से पहले सड़क की मरम्मत की ओर ध्यान दिया जाए।