अनूपपुर नगर पालिका एक बार फिर से सवालों के घेरे में आ गई है। यहां कभी बस स्टैंड के न होने, तो कभी रेलवे ओवरब्रिज के न होने आदि की समस्याएं सामने आती रही हैं लेकिन इस बार नगर पालिका के अधिकारियों कि भ्रष्टाचार की वजह से जनहित योजनाओं में हो रही देरी का मामला उछल पड़ा है। बताया जा रहा है कि कभी अधिकारियों की लापरवाही तो कभी ठेकेदारों की मनमानी से कई ऐसी योजनाएं हैं जो वर्षों से अटकी हुई हैं।
मुख्यमंत्री अधोसंरचना के द्वितीय चरण के तहत साल 2018 से 22 तक अनेक कार्य स्वीकृत किए गए थे, इनमें से 11 कार्य ऐसे थे जिनका वर्क आर्डर 2018 में ही जारी कर दिया गया था, लेकिन स्थिति यह है कि 3 साल बीत जाने के बाद भी कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है।
वर्ष 2018 में नगर पालिका परिषद द्वारा 22 कार्य स्वीकृत किए गए थे, इन कार्यों में सीसी सड़क नाली निर्माण ब्रिज निर्माण जैसे अनेक कार्य शामिल थे। वार्ड क्रमांक 2, 4,10 और 11 में एक करोड़ छब्बीस लाख रुपए की लागत से सीसी सड़क व नाली निर्माण की मंजूरी दी गई थी।
यहां सड़कों का हाल यह था कि पैदल चलना तक मुश्किल हो रहा था, बारिश में तो कच्चा मार्ग दलदल में बदल जाया करता था। लेकिन 3 साल बीत जाने के बाद भी ठेकेदारों द्वारा अभी तक काम शुरू नहीं किया गया है। जहां काम शुरू भी किया गया है वहां ठेकेदारों द्वारा इतने घटिया स्तर का सामान इस्तेमाल हो रहा है कि सड़कें और नालियां साल भर भी नहीं टिक पा रही हैं।
ठेकेदारों की इस लापरवाही पर नगर पालिका द्वारा भी कोई एक्शन नहीं लिया जाता है। केवल दिखावे के लिए कभी कोई पत्राचार तो कभी कोई आदेश पारित कर दिया जाता है। लेकिन स्थिति में कोई बदलाव नहीं होता। ना तो इन ठेकेदारों के लाइसेंस रद्द किए जाते हैं, न ही जमानत राशि के संबंध में कोई कार्यवाही होती है। यहां तक कि खुद नगर पालिका कर्मचारियों द्वारा भूमि विवाद का मामला बताया गया था और बस स्टैंड की भूमि विवाद की खबर तो बच्चे बच्चे को मालूम हो चुकी है। इसके बावजूद नगर पालिका प्रशासन लापरवाही से काम ले रहा है और ठेकेदार मनमानी कर रहे हैं।
इस विषय में जब अनूपपुर नगर पालिका के सीएमओ विकास चंद्र मिश्रा से पूछा गया तो उन्होंने भी ठेकेदारों को पत्र लिखकर चेतावनी दिए जाने की बात कही है। 2022 तक पूरी होने वाली योजनाएं जिनका अभी तक काम भी शुरू नहीं हुआ है, ये कब तक पूरी हो पाएगी यह सवाल अभी भी बना हुआ है!