SECL सुहागपुर एरिया के रामपुर कोयला खनन मेगा प्रोजेक्ट के खुलने को लेकर स्थिति साफ होने लगी है। प्रबंधन द्वारा प्रोजेक्ट को शुरू करने को लेकर सारे नियम और औपचारिकताएं लगभग पूरी कर ली गई हैं। जिन किसानों की जमीन प्रोजेक्ट के लिए अधिग्रहित की गई थी उन्हें मुआवजे का भुगतान किया जा चुका है। एरिया महाप्रबंधक खुद प्रोजेक्ट की शुरुआत को लेकर निरीक्षण कर रहा है।
प्रबंधक द्वारा दो बार कैंप लगाकर किसानों की समस्याएं सुनी गई हैं और उनका निराकरण किया गया है। उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले कुछ माह में मकानों और पेड़ पौधों के मुआवजा वितरण की प्रक्रिया भी पूरी कर ली जाएगी। वन विभाग से भी प्रोजेक्ट की मंजूरी मिल चुकी है।
बताया जा रहा है कि रामपुर क्षेत्र में कोयले का अपार भंडार है और इस मेगा प्रोजेक्ट के शुरू होने से जहां कोयला उत्पादन बढ़ेगा वहीं स्थानीय लोगों को रोजगार मिल सकेगा और देश की अर्थव्यवस्था में भी सहायता हो सकेगी। प्रोजेक्ट के सामने आने वाली सारी समस्याओं को लगभग हल कर लिया गया है। प्रबंधन द्वारा अभी तक लगभग एक अरब से भी ज्यादा मुआवजा बांटा जा चुका है और प्रोजेक्ट शुरू करने को लेकर बिलासपुर मुख्यालय से भी लगातार संपर्क किया जा रहा है। इलाके में सर्वे का काम तेज गति से चल रहा है।
विस्थापित हुए लोगों को रोजगार दिलाने के लिए भी दस्तावेज पूरे कर लिए गए हैं और उन्हें बिलासपुर मुख्यालय भेजा गया है। मुआवजे की प्रक्रिया और सर्वे कार्य पूर्ण होने के बाद नौकरी देने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। प्रबंधन का कहना है कि मेगा प्रोजेक्ट के लिए सभी आवश्यक नियमों का ध्यान रखा जा रहा है। एक बार प्रोजेक्ट शुरू हो जाने से भारी मात्रा में कोयला उत्पादन संभव हो सकेगा और क्षेत्र का विकास होगा।
लेकिन अक्सर देखा जाता है कि कंपनियों द्वारा अधिग्रहित की गई जमीन का मुआवजा किसानों को नहीं बांटा जाता है और ना ही उन्हें रोजगार दिया जाता है। इसलिए इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि प्रबंधन द्वारा इस प्रोजेक्ट के चलते जिन लोगों की जमीन अधिग्रहित की गई है और जिनके रोजगार छीने गए हैं उन्हें अनिवार्य रूप से मुआवजा और रोजगार मिलना चाहिए।