बांधवगढ़ नेशनल पार्क प्रबंधन द्वारा एक अच्छी खबर निकल कर सामने आई है। जानकारी है कि बांधवगढ़ पार्क प्रबंधन द्वारा नए गाइड व पर्यटक सहायकों के चयन के लिए विज्ञप्ति जारी की गई है। गाइड व पर्यटक सहायकों को 40 से 50 लोगों का दल गठित कर प्रशिक्षण दिया जाएगा और यह सारी प्रक्रिया नवंबर से प्रारंभ कर दी जाएगी।
वन्यजीव नियमों के अनुसार पार्क में पर्यटन वाहन के मुकाबले गाइडों की संख्या डेढ़ गुनी होने चाहिए। बांधवगढ़ नेशनल पार्क की बात करें तो यहां कुल 207 वाहन पर्यटन धारण क्षमता है लेकिन वर्तमान में केवल 108 गाइड ही रजिस्टर्ड है। वह भी जी-2 की श्रेणी में गिने जाते हैं। इस कारण बांधवगढ़ पार्क प्रबंधन ने 200 नए लोगों को चयनित कर गार्ड बनने का मौका दिया है।
इस फैसले की एक खास बात और है कि इनमें केवल वही लोग चयनित किए जाएंगे जो बांधवगढ़ नेशनल पार्क की वजह से विस्थापित हुए हैं या कोर और बफर जोन के बीच में निवासरत है। इस नेशनल पार्क में गाइडों की दो श्रेणी तय की गई हैं।
जी-1 श्रेणी के गाइड को प्रति टूर पर 600 रुपए मिलता है और जीत-2 श्रेणी के लिए 480 रुपए निर्धारित है। बता दे कि यहां कम से कम 300 गाइड होने चाहिए लेकिन फिलहाल केवल 107 गाइड ही कार्यरत हैं।
प्रबंधन द्वारा जारी विज्ञप्ति में गाइड के लिए न्यूनतम योग्यता और जरूरी दस्तावेजों के विषय में भी जानकारी दी गई है और आवेदन कर्ताओं को इन सभी मानदंडों को पूरा करना होगा। अक्टूबर के आखिरी माह तक दल गठित कर चयन प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी और नवंबर के पहले सप्ताह से नए गाइडों का प्रशिक्षण शुरू कर दिया जाएगा।
इस विषय पर बांधवगढ़ के डिप्टी डायरेक्टर लवित भारती ने कहा है कि बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान से जुड़े हुए हुए स्थानीय लोग जिन्हें वन्य जीवों में नुकसान पहुंचाया है या जो नेशनल पार्क के बन जाने से विस्थापित हो गए हैं, उन्हें प्राथमिकता देते हुए गाइड के तौर पर रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। इस पहल से जहां एक और वन्य जीव संरक्षण और पर्यटन में सुविधा हो सकेगी वहीं स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा।