प्रशासन द्वारा लगातार नियमों और कानूनों में बदलाव करके शासन व्यवस्था को दुरुस्त बनाने के प्रयास होते रहते हैं। लेकिन उनके सुधार का कभी-कभी नकारात्मक असर भी देखने को मिलता है। बताया जा रहा है कि स्कूल शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश शासन द्वारा हाल ही में जारी की गई संविदा शिक्षकों की निविदाओं में अलाइड सब्जेक्ट के तौर पर बायोलॉजी व उससे जुड़े हुए कुछ विषयों को अलग कर दिया गया है।
शिक्षा के क्षेत्र में पहले यह नियुक्तियां व्यापम द्वारा कराई जाती थी और तब बायोलॉजी सहित अन्य सब्जेक्ट भी निविदाओं में रखे जाते थे। लेकिन अभी हाल ही में शिक्षा विभाग द्वारा जारी की गई विज्ञप्ति में वनस्पति शास्त्र को अलग कर दिया गया है। इस कारण वह शिक्षक जो वनस्पति शास्त्र से जुड़े हुए हैं उनमें खासी नाराजगी देखी जा रही है।
ऐसे ही एक शिक्षकों और जागरूक नागरिक अजय परमार से वोकल न्यूज़ शहडोल ने बात की और उनका मत जाना। अजय परमार ने बताया कि मध्यप्रदेश शिक्षा विभाग का यह निर्णय गलत है इसमें जल्द सुधार कर बायोलॉजी विषय को जोड़ा जाना चाहिए, ताकि बायोलॉजी से जुड़े हुए शिक्षक नियुक्तियों का लाभ ले सकें।
प्रशासन के इस फैसले से न केवल शिक्षक वर्ग बल्कि छात्र-छात्राओं में भी एक गलत संदेश जा रहा है, और बायोलॉजी शिक्षक की नियुक्ति न होने की वजह से उनकी पढ़ाई भी निश्चित तौर पर प्रभावित होगी।
अजय जी ने बताया कि इसके लिए वे उच्च न्यायालय में पिटीशन दायर करने जा रहे हैं और अगर जरूरत पड़ी तो आंदोलन भी करेंगे। फिलहाल उनके द्वारा शिक्षा विभाग और सीएम हेल्पलाइन नंबरों में अपील करके इस विज्ञप्ति में सुधार करने की मांग की जा रही है। उम्मीद है शिक्षा विभाग जल्द से जल्द इस विषय में कार्रवाई करेगा।