अनूपपुर के पुष्पराजगढ़ विकासखंड में खाद्य आपूर्ति विभाग की नाकामी एक बार फिर से जाहिर हो गई है। खबर है कि पुष्पराजगढ़ में 15 दिनों से लगभग 40 शासकीय उचित मूल्य की दुकानें बंद हैं। दुकानों के बंद होने का कारण गेहूं की आपूर्ति न होना बताया जा रहा है।
जबकि हकीकत यह है कि अनूपपुर के सजहा वेयरहाउस में हजारों क्विंटल गेहूं का भंडारण किया गया है। लेकिन सजहा से 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित राजेंद्र ग्राम वेयरहाउस गेहूं के आपूर्ति न होने से पिछले 20 दिनों से खाली पड़ा है।
पुष्पराजगढ़ विकासखंड की बात करें तो यहां की 121 शासकीय दुकानों में से 40 दुकानें बंद पड़ी हैं। जानकारी मिली है कि इन 40 बंद दुकानों में लगभग 800 से 900 टन गेहूं की आपूर्ति की आवश्यकता है और इस कमी को सजहा वेयरहाउस के गेहूं से पूरा किया जा सकता है। लेकिन प्रशासन सजहा से गेहूं मंगवाने की जगह शहडोल से आपूर्ति की डिमांड कर रहा है। शहडोल से गेहूं मंगवाने में भी प्रशासन की ओर से 3 से 5 दिन का समय लगने की बात कही गई है।
अनाज की आपूर्ति न हो पाने की वजह से विकासखंड के 30000 लाभार्थी अक्टूबर माह में मिलने वाले राशन से वंचित रह गए हैं। गरीबी रेखा के नीचे जीवन बिताने वाले इन लोगों ने अक्टूबर माह में किस तरह अनाज का प्रबंध किया होगा इसका जवाब प्रशासन के पास नहीं है।
अधिकारियों से जब पूछा जाता है कि विकासखंड मे़ गेहूं की कमी को सजहा वेयरहाउस में पड़े गेहूं के भंडार से क्यों नहीं पूरा किया जा रहा है, तो इस पर प्रशासन का कहना है कि सजा वेयरहाउस जाने वाला किरर घाट का मार्ग क्षतिग्रस्त है। इस कारण वहां से अनाज नहीं लाया जा सकता। इसके साथ साथ वाहनों की कमी का कारण भी प्रशासन द्वारा बताया जा रहा है। लेकिन सवाल अब भी यही है कि किरर घाट मार्ग पिछले 4 महीनों से बंद है तो बाकी के 3 महीनों में अनाज आपूर्ति कैसे की गई थी? और यदि वाहनों की कमी है तो फिर शहडोल से 800 क्विंटल गेहूं किस तरह लाया जाएगा?
इस पूरे प्रकरण में निश्चित तौर पर अधिकारियों और वाहन चालकों के बीच सांठगांठ नजर आ रही है और वाहन चालकों को लाभ पहुंचाने के लिए सजहा वेयरहाउस की जगह शहडोल से गेहूं मंगाया जा रहा है। जो भी हो लेकिन जल्द से जल्द विकासखंड में गेहूं की आपूर्ति सुनिश्चित की जानी चाहिए, ताकि हितग्राहियों को उनके हिस्से का अनाज जल्द से जल्द उपलब्ध हो सके।