जिले में माता और शिशु की मृत्यु के मामले लगातार बढ़ते चले जा रहे है, जो एक बहुत ही गंभीर और चिंताजनक समस्या है। प्रशासन द्वारा शहर,जिलेे और कस्बों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा कई योजनाएं शुरू की जाती है और कई स्वास्थ्य परीक्षण कैंप भी लगाए जाते है, ताकि सभी एनीमिक गर्भवती महिलाओं और कुपोषित बच्चों की सहायता हो सके और उन्हें कुपोषण से लड़ने के लिए खाद्यान्न और दवाइयां भी प्रदान की जा सके। किंतु इस सब के बावजूद भी कुपोषित माताएं और बच्चे इन सभी योजनाओं और कैंप का लाभ नहीं उठा पाते, जिस कारण यह समस्या खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है।
इस समस्या को मद्देनज़र रखते हुए अनूपपुर में शुक्रवार को माता और शिशु मृत्यु दर की कमी को लेकर जिला स्वास्थ्य समिति की समीक्षा बैठक हुई। इस बैठक में जिला कलेक्टर सोनिया मीना के अलावा, मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी, महिला-बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी और जिला टीकाकरण अधिकारी समेत कई अन्य अधिकारी भी शामिल रहे।
इस समीक्षा बैठक में जिला कलेक्टर ने गंभीर कुपोषित बच्चों व गर्भवती महिलाओं और किशोरी बालिकाओं के लिए लगाए जा रहे विशेष स्वास्थ्य परीक्षण कैंप का आयोजन कर पूरे क्षेत्र की गर्भवती माताओं, कुपोषित बच्चों और किशोरी बालिकाओं को इन कैंप द्वारा स्वास्थय लाभ को सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को कई निर्देश दिए।
जिला कलेक्टर ने दिए अधिकारियों को कई निर्देश-
कलेक्टर ने जिले के हर क्षेत्र में ऐसी माताओं, बच्चों और बालिकाओं को कवर करने को कहा ताकि इन सभी को स्वास्थ्य परीक्षण कैंप का लाभ मिल सके। इसके बाद उन्होंने सभी गांव के स्वास्थ्य केंद्रों में सभी आवश्यक दवाइयों को उपलब्ध कराने को कहा। साथ ही आंगनबाड़ी केंद्रों और कुपोषित बच्चों के स्वयं घर जाकर वाटिका लगाए जाने के निर्देश दिए ताकि कुपोषित बच्चों को पौष्टिक आहार मिल सके।
इसके बाद कलेक्टर ने सबसे ज़्यादा ज़रूरी और महत्वपूर्ण काम, शिशु और माता की मृत्यु के प्रोटोकॉल अनुसार निर्धारित समय पर चिकित्सा संगठन के साथ समीक्षा कर मृत्यु के कारणों का पता लगाकर उन्हें रोकने का प्रयास करने को कहा। इसके अलावा कलेक्टर ने नियमित टीकाकरण से छूटे हुए बच्चों की सूची तैयार कर आवश्यक टीके लगाए जाने, महिला बाल विकास एवं स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं की डाटा इन्ट्री समय पर पूर्ण शुद्धता के साथ करने और कोविड टीकाकरण के दूसरी डोज़ के सभी पात्र हितग्राहियों को टीकाकरण केंद्र में लाने के लिए प्रेरित करने के भी निर्देश दिए।
आशा है जिला कलेक्टर के इन सभी निर्देशों का स्वास्थ्य व बाल और महिला विकास विभाग के अधिकारियों द्वारा पालन किया जायगा और जिले में लगातार बढ़ रहे माता और शिशु की मृत्यु के प्रकरणों को कम किया जा सकेगा।