शहडोल जिले का शहरी इलाका हो या ग्रामीण क्षेत्र हर जगह बिजली की समस्या से लोग दो-चार हो रहे हैं। शहर में जहां बिजली की ट्रिपिंग की समस्या सबसे ज्यादा है, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में अघोषित बिजली कटौती वोल्टेज का कम आना या ट्रांसफार्मर में फाल्ट जैसी समस्याएं प्रमुख हैं। इन समस्याओं को लेकर लोगों द्वारा कई बार सीएम हेल्पलाइन और बिजली विभाग से शिकायतें की गई हैं लेकिन स्थिति सुधरने की बजाय बद से बदतर होती जा रही है।
ग्रामीण इलाकों का हाल तो यह है कि यहां 6 से 8 घंटे तक बिजली गुल रहती है और अधिकतर समय लोगों को अंधेरे में ही बिताना पड़ता है। कटौती के साथ-साथ वोल्टेज की समस्या भी ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। ग्रामीण इलाकों में 1 फेस की बिजली दी जा रही है जिसके कारण न तो यहां मोटर पंप चलाए जा सकते हैं न ही आटा चक्की। ज्यादा लोड बढ़ा देने से फाल्ट हो जाता है और सारे काम ठप हो जाते हैं।
जिले के ग्रामीण इलाकों में अभी भी बिजली की आपूर्ति निर्धारित नहीं है और लोगों को मोटर पंप चालू ना होने से पेयजल की समस्या, सिंचाई ना होने से फसलों की खराबी और चक्की न चल पाने से खाद्यान्न के संबंध में भी समस्याएं आ रही हैं। ग्रामीण इलाकों में दिन में सिंगल फेस में 14 घंटे बिजली दिया जाना निर्धारित किया गया है। लेकिन बिजली कब आती है और कब जाती है इसका किसी को पता नहीं है।
शहरों में ट्रिपिंग के चलते दिन और रात में किसी भी वक्त बिजली गुल हो जाती है और सर्विस सेक्टर में चलने वाले ऑनलाइन काम रुक जाते हैं। अलग-अलग इलाकों से अलग-अलग समस्याएं सामने आ रही हैं। खन्नौदी में 54 गांव सबस्टेशन 33/11kv से जुड़े हुए हैं लेकिन यहां पर न तो लाइनमैन तैनात है न ही कोई स्टाफ है। वहीं बुढार के लोग बिजली कटौती की समस्या से जूझ रहे हैं।
बिजली की समस्या पर कार्यपालन यंत्री आरसी पटेल कहते हैं कि तीनों फेस में बिजली 24 घंटे रहेगी जबकि सिंगल फेस में 14 घंटे बिजली दी जाएगी, लेकिन यह नियम कब से लागू होंगे इस विषय में कोई जवाब नहीं दिया जा रहा है। बिजली की समस्याओं से लोगों को निजात दिलाना प्रशासन की पहली जिम्मेदारी होनी चाहिए।