अनूपपुर जिले में एक बार फिर रेत के अवैध उत्खनन और परिजवहन का मामला सामने आया है। हालांकि ऐसा पहली बार नहीं है, जिले में ऐसे अवैध उत्खनन के मामले कोई नई बात नहीं है। मामला 22 अक्टूबर की शाम का है जहां सीतापुर रेत खदान से ठेकेदार द्वारा लोड़ वाहनों की फर्ज़ी तरीके से बकही चाका घाट की रॉयल्टी पर्ची काटे जाने पर खनिज विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी खदान पर पहुंचे और इस दौरान सीतापुर रेत खदान से लोड हुआ वाहन क्रमांक एमपी 65 जीए 1956 की रॉयल्टी पर्ची की जांच में वाहन में 5 घन मीटर रेत लोड थी और रॉयल्टी पर्ची सीतापुर की जगह, बकही चाका घाट की मिली।
अनूपपुर के रेत ठेकेदार के.जी. डेवलपर्स के जीएम सुशील सिंह और मानेन्द्र सिंह द्वारा मिलीभगत कर सीतापुर रेत खदान से लोड़ होने वाले अधिकतर वाहनों को बकही की रॉयल्टी पर्ची देकर धोखाधड़ी की जा रही है।
इस जांच में खनिज विभाग द्वारा वहां से लोड हुए वाहन की रॉयल्टी पर्ची किसी और खदान की मिलने पर वाहन को जब्त कर कलेक्ट्रेट परिसर में खड़ा करा दिया गया, जिसके बाद रेत कंपनी के जीएम सुशील सिंह एवं मानेन्द्र सिंह ने तुरंत खनिज विभाग पहुंचे और खनिज अधिकारी से चर्चा कर जब्त वाहन को उसके ड्राइवर के नाम सौंप दिया, जबकि पकड़े गए वाहन में रॉयल्टी किसी और खदान की मिलने पर ठेकेदार के साथ-साथ वाहन ड्राइवर के खिलाफ भी रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन का केस होना था और खनिज अधिनियम के तहत कार्यवाही की जानी चाहिए थी।
सिर्फ यही नहीं, इस पूरे मामले की जांच के लिए आयी खनिज निरीक्षक ईशा वर्मा से जब इस केस के बारे में सवाल किये गए तो उन्होंने इस पूरी कार्यवाही से अनजान बनते हुए कहा कि उन्हें इस कार्यवाही की कोई जानकारी नहीं है।जबकि कलेक्ट्रेट परिसर में जब्त वाहन क्रमांक एमपी 65 जीए 1956 के ड्राइवर संतोष कोल की कार्यवाही खनिज निरीक्षक ईशा वर्मा के द्वारा की गई थी,और इस मामले के दस्तावेज में बकायदा उनके हस्ताक्षर भी है।
और फिर जब इस मामले को लेकर खनिज ऑफिस की खनिज अधिकारी आशातला वेद्य से सवाल किये गए तो उन्होंने कहा की जब यह घटना हुई तो उस समय खनिज ऑफिस बंद था जबकि असल में उस दौरान खनिज विभाग का ऑफिस खुला हुआ था।
सिर्फ एक की ही नहीं, इस पूरे मामले में कई अधिकारियों की मिलीभगत है। तभी यह केस कोर्ट तक नहीं पहुंच पाया है और यह अवैध उत्खनन और परिवहन का खेल खत्म नहीं हो रहा है। प्रशासन की नाक के नीचे इतनी बड़ी धोखधड़ी की जा रही है, और प्रशासन इस बात से अनजान बना पड़ा हुआ है। वैसे सुनने में आया है कि जिला कलेक्टर सोनिया मीना को संज्ञान में लिया है और इस पर कार्यवाही करने के निर्देश दिए है, पर क्या इस मामले में अधिकारियों द्वारा निष्पक्ष जांच की जायगी, यह नहीं कहा जा सकता।