केंद्र सरकार द्वारा हर घर तक नल कलेक्शन देकर पेयजल आपूर्ति किए जाने की घोषणा की गई थी और इस पर काम भी चल रहा है। लेकिन अभी भी कई ऐसे ग्रामीण इलाके हैं जहां पर यह काम अधूरा पड़ा हुआ है और ग्रामीण इलाकों के हजारों लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा है।
अनूपपुर के बदरा जनपद पंचायत के तहत हरद गांव के रहने वाले लगभग ढाई हजार परिवारों को नल जल योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। यहां के लोग आज भी पानी के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं। लगातार प्राकृतिक जल स्रोतों का अतिक्रमण हो रहा है और उन्हें प्रदूषित किया जा रहा है तो वही भूजल स्तर भी नीचे गिरता जा रहा है। जलवायु परिवर्तन के कारण पानी की समस्या और भी गंभीर हो जाती है।
ऐसी स्थिति में ग्रामीण इलाकों में नल जल योजना की अहमियत बढ़ जाती है। सरकारों द्वारा बड़े-बड़े दावे तो किए जाते हैं, लेकिन स्थानीय अधिकारी और ठेकेदार घोटाले करने में मशगूल रहते हैं और गरीबों के हिस्से का पानी भी उन तक नहीं पहुंचने देते इस गांव में भी नल जल योजना का काम लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा ठेकेदारों को टेंडर देकर कराया जा रहा है।
पिछले लगभग 1 साल से यह पूरी योजना अधर में लटकी हुई है। यहां लगभग ढाई सौ घरों को नल कनेक्शन देकर पानी की आपूर्ति की जानी थी। लेकिन अभी तक बताया जा रहा है कि केवल आधे ही घरों में कनेक्शन हुए हैं, और कनेक्शन होने के बाद भी पानी नहीं आ रहा है।
जानकारी यह भी है कि ठेकेदार ने विभाग को गलत जानकारी दी है। अभी काम अधूरा पड़ा हुआ है, लेकिन ठेकेदार द्वारा कागजों में पूरा काम दर्शा दिया गया है। इसको लेकर भी गांव वासियों में काफी गुस्सा है ग्रामीणों ने बताया है कि अभी नल कनेक्शन हुए 1 साल भी नहीं हुआ है और अभी से पाइपों में जगह-जगह लीकेज की समस्या देखने को मिल रही है, तो कहीं पर पानी ही उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। कहीं-कहीं पानी आ भी रहा है तो इतना धीमा आता है और कम आता है जिससे लोगों की जरूरतें पूरी नहीं हो पाती है। तो कहीं कहीं पर घंटों इंतजार करने के बाद बाल्टी दो बाल्टी पानी ही नसीब हो पा रहा है।
इसी तरह वार्ड क्रमांक 10 के निवासियों ने भी यही शिकायत की है, कि यहां कनेक्शन तो कर दिया गया है लेकिन पानी नहीं आता है। इसी तरह की शिकायतें झोरकीटोला से भी आ रही हैं। अनूपपुर की रेलवे कालोनी, ग्राम पंचायत भवन, स्कूल भवन का भी कुछ ऐसा ही हाल है।
पानी जैसी मूलभूत आवश्यकता के लिए भी लोगों को यहां-वहां भटकना पड़े तो यह शर्म की बात है। प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर घर जल आपूर्ति हो सके और जिन ठेकेदारों से यह काम कराया जा रहा है उन पर सख्त निगरानी रखी जाए और उनके काम का हिसाब लिया जाए।