कुछ समय पहले शहडोल की विचारपुर कोयला खदान का टेंडर पुरानी कंपनी से बदलकर एक नई कंपनी को दे दिया गया था और इस नई कंपनी ने कोयला खदान में कार्यरत 30 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया है। 30 सितंबर को इन्हें नौकरी से निकाल दिया गया था और तब से यह कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं।
इसको लेकर कोयला श्रमिक संघ (सीटू) द्वारा प्रबंधन को एक ज्ञापन भी सौंपा गया था और कंपनी से वापस इन कर्मचारियों को नौकरी पर रखने की मांग की गई थी। लेकिन अभी तक इस पर कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है। इन कर्मचारियों की समस्याएं बनी हुई है अब इनके पास रोजगार का कोई साधन नहीं है और इन्हें अपना परिवार पालना भी मुश्किल हो गया है।
वोकल न्यूज़ शहडोल ने विचारपुर खदान से निकाले गए कई कर्मचारियों से बात की और उनकी समस्याएं जानी। इनमें से बृजनाथ कुशवाहा, दुर्गेश और मुकेश जैसे कर्मचारी शामिल हैं। साथ ही साथ वोकल न्यूज़ शहडोल ने विचारपुर खदान में पिछले 3 साल से सिविल इंजीनियर के पद पर नियुक्त आशीष सेन से भी बात की और उनसे उनकी समस्याएं जानी।
कंपनी द्वारा निकाले गए 30 कर्मचारियों में आशीष सेन का भी नाम शामिल है। आशीष सेन का कहना है कि वे पिछले 3 साल से यहां काम कर रहे हैं, लेकिन अब कंपनी द्वारा उन्हें निकाल दिया गया है। कंपनी बंगाल की है और वह यहां के स्थानीय श्रमिकों की जगह बंगाल, झारखंड और बिहार के श्रमिकों को काम पर रख रही है।
आशीष सेन का मानना है कि निकाले गए कर्मचारी पढ़े लिखे और जागरूक हैं जो अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाते रहते हैं। यही कारण है कि इन लोगों से कंपनी को कथित तौर पर खतरा महसूस हो रहा था और कंपनी ने इन्हें निकाल दिया है। हालांकि कंपनी द्वारा इन कर्मचारियों को निकालने के विषय में इन्हें कोई अधिकारिक कारण नहीं बताया गया है।
आशीष सेन ने बताया कि यदि निकाले गए श्रमिकों को जल्द से जल्द नौकरी पर नहीं रखा गया या उनके रोजगार का कोई इंतजाम नहीं किया गया तो वे बड़े पैमाने पर आंदोलन और हड़ताल करेंगे।