मंगलवार को शहडोल जिले के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति उपभोक्ता संरक्षण विभाग के प्रमुख सचिव फैज़ अहमद किदवई और संभागायुक्त की उपस्थिति में एक समीक्षा बैठक हुई। यह बैठक कलेक्टर कार्यालय में आयोजित की गई थी। बैठक में शहडोल संभाग में धान उपार्जन, मिलिंग, सहकारी समितियों के भुगतान आदि की समीक्षा की गई।
बैठक के दौरान प्रमुख सचिव खाद्य विभाग ने कहा है कि जिन सहकारी समितियों में भुगतान एवं वित्तीय प्रकरण को लेकर गड़बड़ी और अनियमितताएं सामने आई हैं। उन्हें जवाबदेह ठहराया जाएगा और जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी। साथ ही साथ गड़बड़ी की राशि भी वसूल की जाएगी।
जानकारी है कि कुछ दिनों पहले उमरिया जिले में ही लगभग 35 लाख से भी ज्यादा की गड़बड़ी सहकारी समितियों की तरफ से सामने आई थी। प्रमुख सचिव ने कहा कि शिल्पा, देवगांव, जैतपुर जैसे कुछ गांव में सहकारी समितियों के माध्यम से पंजीकृत किसानों की संख्या में पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष अचानक बढ़ोतरी देखी गई है। इसलिए इन सहकारी समितियों की जांच की जाएगी।
प्रमुख सचिव ने यह भी निर्देश दिया कि अधिकारी वर्ग यह सुनिश्चित करें कि उपार्जन केंद्र में किसानों को किसी प्रकार की परेशानी तो नहीं हो रही है। साथ ही साथ सहकारी समितियों में जल्द से जल्द धर्म कांटे लगाए जाएं। धान भंडारण के लिए भी कैंपों का निर्माण करा कर अनाज को सुरक्षित किया जाए।
खाद्य विभाग का यह भी कहना है कि जिन किसानों से फसल की खरीद हो चुकी है, उन्हें 1 हफ्ते के भीतर ही भुगतान कर दिया जाए। साथ ही साथ मिलिंग और अनाज के परिवहन को लेकर भी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। समीक्षा के दौरान प्रमुख सचिव ने कहा कि धान मिलिंग की रफ्तार पूरे संभाग में बहुत धीमी है इसे तेज किया जाना चाहिए और संभाग के सभी धान उपार्जन केंद्रों में आवश्यक सुविधाओं और व्यवस्थाओं को बनाया जाना चाहिए।
इस बैठक में कमिश्नर राजीव शर्मा सहित खाद्य विभाग संचालक दीपक सक्सेना, शहडोल कलेक्टर वंदना वैद्य, अनूपपुर कलेक्टर सोनिया मीणा सहित अन्य अधिकारीगण शामिल रहे। लेकिन सवाल अभी भी यही है कि इस तरह की समीक्षा बैठकें पहली भी आयोजित होती रही हैं, लेकिन अधिकारीकारी वर्ग इस पर कोई ध्यान नहीं देता है। जरूरत है कि जमीनी तौर पर कुछ सख्त कदम उठाए जाएं।