आखिरकार चुप्पी टूटती हुई नजर आने लगी है। हाल ही में विधायक सुनील सराफ ने अपने कार्यालय में एक प्रेस कान्फ्रन्स बुलाई थी जिसमे मीडिया उपस्थित रही। उंगली उठाते हुए उन्होंने खाद्य एवं आपूर्ति विभाग जिसके अंतर्गत वेयर हाउस में खराब अनाज की सप्लाइ की शिकीयतें लगातार आ रहीं हैं उसको लेकर बात कही, साथ ही पिछली खरीदी का अनाज का उठाव न होने की वजह से ये अनाज सड़ और गल भी जाते हैं, उन्होंने कहा।
उन्होंने आगे कहा की उज्वला योजना 2.0 वितरण व्यवस्था के खर्च के नाम पर जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी द्वारा अवैध वसूली के बाद लोकायुक्त टीम ने उन्हे रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था जिसके बाद खाद आपूर्ति मंत्री द्वारा भोपाल अटैच करवा दिया। लेकिन जानकारी कुछ और ही है, बल्कि बात यह है की लोकायुक्त के छापे में खाद्य अधिकारियों द्वारा यह कहा गया की उन्हे ऊपर देना पड़ता है, इस और जोर देते हुए विधायक ने कहा की ऊपर से नीचे तक हर और भ्रस्टाचार फैला हुआ है।
उन्होंने आगे कहा की कोरोना के चलते लॉकडाउन की स्तिथि उत्पन्न हो गई जिस कारण समस्त ट्रेनों के साथ -साथ लोकल ट्रेनों का भी संचालन रद्द कर दिया गया था। और इसी मौके का फायदा उठा कर के प्रशासन ने कुछ दिनों के लिए स्पेशल ट्रेन का आयोजन किया , जिसका तीन गुना किराया रेल विभाग द्वारा वसूला गया। अब भी लोकल ट्रेन संचालित नहीं की गई हैं, जीस कारण लोगों को आवागमन की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
बात असलियत में गौर फरमाने वाली है, कोरोना के चलते लोगों का आर्थिक शोषण आज हो रहा है, अब पेट्रोल डीजल की ही बात करें तो उनकी किमत अब बुलंदियों को छूने में सक्षम होती हुई नजर आने लगी है। और इनकी बढ़ोतरी यानि आम जन की ज़िंदगी पर सीधा असर, अब सवाल यह उठता है की इसमे एक आम परिवार घर चलाए भी तो कैसे? आखिर कब तक प्रशासन इस और कोई कदम नहीं उठाएगी?