दिन पर दिन बढ़ती महंगाई ने हर किसी का जीवन मुश्किल कर दिया है, भले ही वो आम जनता हो या किराना स्टोर या कोई मिठाई, फूल या पेंट की दुकान। महंगाई ने सभी को अपनी चपेट में ले लिया है और हर कोई इस बढ़ती महंगाई से काफी परेशान और मायूस है। कोरोना काल के बाद लगभग ढाई साल के बाद अब त्योहारों के समय व्यापार में बढ़ोतरी की उम्मीद की किरण जागी थी क्योंकि अब कोरोना के केस कम है और ज़्यादातर लोग वैसीनेटिड भी है। जिससे बाज़ारों में लोग अब सभी सेफ्टी मैसर्स के साथ खरीदारी भी कर सकते है किंतु महंगाई के कारण लोग इस सब ख़रीदारी से बचते ही नज़र आ रहे है।
शहडोल जिले का भी कुछ ऐसा ही हाल है। देशभर में पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान छू रहे है। खुद शहडोल जिले में पेट्रोल का दाम 119 रूपए प्रति लीटर पहुंच चुका है, वहीं डीजल भी 108 रूपए प्रति लीटर का हो गया है। और आगे भी इनकी कीमतों में बढ़ोतरी के नए रिकॉर्ड बनने की आशंका जताई जा रही है।
पेट्रोल-डीजल के महंगे होने का असर हर एक चीज़ पर पड़ता नज़र आ रहा है। मार्किट के हर एक सेक्टर पर इसका असर देखने को मिल रहा है। दिवाली और अन्य त्योहारों का समय नज़दीक आ गया है, किंतु बाज़ारों में इसका कोई ख़ासा असर देखने को नहीं मिल रहा। जहां इन त्योहारों के सीजन में बाज़ारों में सामान खरीदारी के लिए इतनी भीड़ उमड़ती थी, वहीं अब उतना उत्साह लोगों में नहीं देखने को मिल रहा। व्यापारियों का खुद मानना है कि महंगाई के कारण उनके धंधे ठंडे पड़े हुए है। दिवाली के टाइम पर रंगाई-पुताई का काम सबसे ज़्यादा प्रेशर में होता है, रंग और पेंटो की दुकानों पर लोगों की लंबी लाइन लगी होती है, लेकिन व्यापारियों का यह बिज़नेस भी थप पड़ा हुआ है।
जानकारी के मुताबिक रंग और ऑइल पेंटो की कीमतों में 10 से 15 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। जिस कारण इसकी बिक्री काफी घट गई है। इसके अलावा पिछले साल की तुलना में स्टील के बर्तनों में भी 20 से 25 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। वही कपड़ा मार्किट में भी कोई खास उत्साह देखने को नहीं मिल रहा, जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इस साल की दिवाली में बाजार और व्यापार दोनों ही फ़ीका रहने वाला है। न जाने कब देश वासियों को इस महंगाई से थोड़ी-बहुत राहत मिलेगी।