प्रदेश में शुरू होने वाली है मुख्यमंत्री राशन आपके द्वार योजना। गुरूवार को प्रदेश के खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग के मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने अनूपपुर में विभिन्न विभागों के विभागीय कार्यों की समीक्षा बैठक में इस बारे में जानकारी दी। इस योजना के तहत प्रदेश के 89 आदिवासी बाहुल्य विकासखण्डों में घर-घर राशन आपूर्ति की जायगी। इस अवसर पर कलेक्टर सोनिया मीना, पुलिस अधीक्षक अखिल पटेल, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी हर्षल पंचोली के साथ अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।
15 नवंबर को देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी इस योजना का शुभारंभ करेंगे। खाद्य मंत्री ने कहा कि इस योजना की प्रक्रिया प्रदेश के 3-4 जिलों से शुरू की जायगी, जिसके लिए वाहन के माध्यम से सभी पात्रों के घरों में राशन बांटा जायगा। बैठक में खाद्य मंत्री ने विभिन्न विभाग के अधिकारियों को इस योजना से सम्बंधित निर्माण और प्रस्तावित कार्यों को लेकर भी कई निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि कोई भी किसान उपार्जन से वंचित न रहे और किसी भी किसान को कोई भी असुविधा के कारण परेशान न होने पड़े, इस बात को लेकर उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए। साथ ही जिले में डीएपी और यूरिया खाद की पर्याप्त उपलब्धि, बीज भण्डारण और किसानों के लिए हर तरह की व्यवस्था सुनिश्चित करने को भी कहा।
इसके अलावा उन्होंने जिले में स्वीकृत स्कूल भवनों के निर्माण के लिए भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित करने से सम्बंधित अधिकारियों को निर्देश दिए। इसके बाद उन्होंने कहा कि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को घर-घर नल योजना मुख्यमंत्री की प्राथमिकता है , जिसकी समय-सीमा 2024 निर्धारित है। इसके पहले सभी घरों तक पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए और आखिर में प्रधानमंत्री आवास के तहत धनगवां एवं अमगवां में छूटे हुए परिवारों के लिए जरूरी कार्यवाही कर पात्रता अनुसार इन गांव के लोगों के लिए भवन निर्माण के भी दिशा-निदेश दिए।
प्रदेश के आदिवासियों के लिए मुख्यमंत्री राशन आपके द्वार योजना एक बहुत ही सराहनीय कदम है। उम्मीद है, इससे प्रदेश के आदिवासियों के घरों तक राशन उपलब्ध कराने से इन गरीब आदिवासियों को आर्थिक सहायता मिलेगी। किसानों के हित में भी कई दिशा-निर्देश दिए गए है। किन्तु देखने वाली बात यह होगी कि क्या इन सभी को कथित व्यवस्थाओं का लाभ दिया जायगा भी या नहीं? या बस यह निर्देश कथित रूप तक ही सीमित रह जायंगे।