उमरिया की सड़कों की बदतर स्थिति लोगों के लिए परेशानी का कारण बनी हुई है। बरसात माह भी बीत चुका है लेकिन अभी तक सड़कों के किनारे के गड्ढे नहीं भरे गए हैं, जिस कारण सड़कें किनारे से धंसने लगी हैं , और हादसों को न्योता दे रही हैं।
उमरिया जिले से गुज़रने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग हों, राज्य राजमार्ग हों, या अन्य सड़कें हों सभी का यही हाल है। रात में इन सड़कों से गुजरते वक्त किसी बड़े वाहन को रास्ता देने के चक्कर में छोटे वाहन किनारे हो जाते हैं और सड़क के किनारे बने इन गड्ढो में फंस कर दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं।
वैसे तो यह स्थिति उमरिया की हर सड़क की है लेकिन नेशनल हाईवे पर सबसे ज्यादा साइड शोल्डर गड्ढे हैं। इस नेशनल हाईवे के अलावा भी कटनी रीवा रोड, उमरिया शहपुरा हाईवे, मानपुर पाली रोड सभी का लगभग एक जैसा ही हाल है।
उमरिया से अक्सर कोयला और लोहे से भरे बड़े वाहन गुजरते रहते हैं। इसके साथ ही बांधवगढ़ नेशनल पार्क और वीरसिंहपुर मंदिर जैसे कई पर्यटन स्थल भी हैं। इस कारण यात्रियों से भरी बड़ी गाड़ियां सड़कों पर चौबीसों घंटे दौड़ती रहती है। यातायात से भरी इन सड़कों पर मरम्मत न होने से आए दिन किसी बड़ी दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। अभी कुछ दिनों पहले ही पाली के पास यात्री से भरी एक जीप दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इसके बाद भी एमपीआरडीसी और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण इन सड़कों के किनारों की मरम्मत पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
यूं तो इन सड़कों की मरम्मत पर हर साल लाखों रुपये खर्च किए जाने का दिखावा किया जाता है लेकिन खानापूर्ति के नाम पर केवल चूने और गिट्टी का मसाला लगाकर गड्ढ़ों को भर दिया जाता है, जो अगली बरसात में फिर गड्ढ़ों में बदल जाते हैं। स्थानीय लोगों द्वारा कई बार शिकायतें की गई हैं , लेकिन कार्रवाई के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है और सड़क किनारे बने इन गड्डों मैं फंस कर लोग दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं। इस स्थिती में जल्द से जल्द सुधार की आवश्यकता है। fb twitter ndtv