रबी की फसलों का सीजन आ चुका है और किसानों को इसकी सिंचाई के लिए पानी की आवश्यकता होगी। इसके लिए कई सालों पहले हिरवार सिंचाई की परियोजना द्वारा इन किसानों को पानी की उपलब्धता सुनिश्चित कराने हेतु यह परियोजना की बात कही गई थी, पर इसके शुरू होने की पहल नहीं की गई थी।
जिसके लिए हर साल रबी के फसलों के लिए शहडोल जिले के हज़ारों किसानों को चिंता रहती थी और पानी के लिए परेशान होकर कही न कहीं से इंतेज़ाम करना पड़ता था। और कभी-कभी तो पर्याप्त पानी न मिलने से किसान रबी की फसलों से बचते हुए ही नज़र आते थे।
लेकिन इस साल इस समस्या से जिले के किसानों को विवश और मायूस नहीं होना पड़ेगा। कमिश्नर शहडोल संभाग राजीव शर्मा की पहल पर जिले के हिरवार सिंचाई परियोजना द्वारा रबी सीजन की सिंचाई के लिए किसानों को पानी उपलब्ध हो सकेगा और जिले के हज़ारों किसानों को इस परियोजना का सीधा लाभ मिल सकेगा।
कमिश्नर कार्यालय में आयोजित जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की बैठक में इस परियोजना की पहल कमिश्नर द्वारा की गई, जिसके लिए उन्होंने जल संसाधन के अधिकारियों को कई निर्देश दिए। कमिश्नर ने हिरवार क्षेत्र के गांव में किसान सेमिनार आयोजित कर किसानों को रबी की फसल लेने के लिए जागरूक करने के निर्देश दिए है। साथ ही उन्होंने किसानों को समुचित मात्रा में खाद और बीज की उपलब्धता भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
इसके अलावा उन्होंने मध्यप्रदेश पर्यटन विकास विभाग के अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर बाणसागर बांध और अन्य स्थलों में पर्यटन को बढ़ावा देने को कहा जिस पर अधीक्षण यंत्री जल संसाधन डीपी चतुर्वेदी ने बताया कि,बाणसागर में पर्यटन की गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है, साथ ही पर्यटन की गतिविधियों से प्रतिवर्ष 4 लाख रूपये का राजस्व प्राप्त हो रहा है।
कमिश्नर शहडोल संभाग राजीव शर्मा द्वारा हिरवार सिंचाई परियोजना की पहल एक सराहनीय कदम है, किंतु गौरतलब बात ये है कि इतने सालों से यह लंबित परियोजना की शुरुआत इतने समय के बाद ही क्यों की गई? इसमें प्राशसन की लापरवाही साफ झलक रही है।