प्रबंधन और मैनेजर पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए जमुना कोतमा क्षेत्र के अंदर संचालित जमुना भूमिगत खदान के 5/6 नंबर खदान के सभी वर्कर ने लामबंद होकर जीएम ऑफिस का घेराव कर दिया है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि एक ओर मैनेजर की तानाशाही है तो दूसरी ओर जितने उपकरण की आवश्यकता है प्रबंधक उतने उपकरण उपलब्ध नहीं करवा पा रहे हैं और इसी के साथ-साथ नोटिस पर नोटिस देकर वर्करों को डराया जा रहा है।
और ऐसा पहली बार हुआ है कि वर्कर्स ने अपना आक्रोश प्रबंधक और मैनेजर के प्रति दिखाया हो। अब देखने वाली बात यह होगी की आखिर कब तक प्रबंधक इस बात पर गौर करेंगे। यह आक्रोश तब बढ़ा जब श्रम संघ प्रतिनिधि वहाँ पहुंचे जहां मजदूर जीएम ऑफिस का घेराव कर धरने पर बैठे हुए थे, और उन्होंने यहां आकर कहा कि 100 टन कोयले के लिए हम वहाँ पर नहीं आएंगे, आप लोगों को जो करना है करें, जिसके बाद यूनियन प्रतिनिधि और मजदूरों ने क्रोध में आकार ये चेतावनी दे दी कि क्षेत्र की समस्त खदानों को बंद कर दिया जाएगा ।
इस चेतावनी को सुनते ही कालरी प्रबंधन झुका और एरिया के महाप्रबंधक संचालन एरिया पर्सनल अधिकारी, सब एरिया मैनेजर के ऑफिस में मिल बैठकर चर्चा की गई और मजदूरों की बातों का सम्मान करके उन्हे ध्यान पूर्वक सुना गया। और यह आदेश दिए गए की जल्द से जल्द सामान उपलब्ध कराए जाएंगे। मजदूरों को दिए गए नोटिस को भी वापस ले लिया गया और बाकी मांगों को पूरा करने के लिए 1 सप्ताह का टाइम फ्रेम मांगा गया।
अब ऐसे मामले में सवाल यह उठता है कि आखिर क्यूँ प्रशासन तब आँख खोलता है जब वह बात काफी आगे बढ़ जाती है, आखिर क्यूँ सही समय पर इन मांगों को पूरा नहीं किया जाता? आखिर क्यूँ अपने हकों के लिए लोगों को गुहार लगानी पड़ती है ?