उमरिया जिले के पास उमरार नदी के तट पर बसा नईगमटोला, फजिलगंज व पुराना पड़ाव की बस्ती में दशकों बाद भी आवागमन लायक पुल नहीं बन पाया है। तीनों ही रहवास क्षेत्र में तकरीबन पांच हजार से अधिक की आबादी है। लेकिन नगर पालिका प्रशासन का ध्यान इस पुल के नवनिर्माण की ओर जाता नहीं दिख रहा। जिस कारण आय-दिन यहां पर कई वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने की भी खबरें सामने आती रहती है।
एक जगह नगरपालिका द्वारा निर्माण का काम शुरू भी हुआ था लेकिन अब तक काम पूरा नहीं हो सका हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि उमरार नदी का पुल लगभग एक दशक पहले बना था, जिसके बाद यह पुल क्षतिग्रस्त होने लगा और यहां के लोगों ने इसको दोबारा बनाने के लिए प्रशासन से कई बार विनती भी की थी, लेकिन सम्बंधित अधिकारियों द्वारा हर बार इस काम को पूरा कराने का आश्वासन देकर काम टाल दिया जाता था।
स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि बरसात और रात के समय यहां कई बार लोगों की जान भी जा चुकी है। एक बार एक ट्रैक्टर समेत कई लोग पुल की चौड़ाई कम होने के कारण नदी में समा गए थे।
ये सब घटनाएं होने के बावजूद प्रशासन चुप्पी साधे है और इस गंभीर समस्या पर कोई सख्त एक्शन नहीं लिया जा रहा है। जानकारी के अनुसार ऐसा भी मालूम हुआ है कि फजिलगंज, नईगमटोला और लालपुर बस्ती में आज भी लोग बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। घनी आबादी के चलते यहां के ज्यादातर रास्ते अब क्षतिग्रस्त होने लगे हैं। यह इलाका गांधी चौक से मुख्य मार्ग एनएच 43 को जोड़ता है। फिर भी विकास के मामले में काफी पिछड़ा हुआ है। हर साल इसी मुद्दे को चुनाव में नेताओं द्वारा प्रकाश में लाया जाता है, और हर बार की तरह वे यहां के लोगों को आश्वासन देते हैं कि इस बार यहां की सड़के और पुल का नवनिर्माण कराया जायगा, किंतु आज तक ऐसा नहीं हो सका है।
उमरार नदी का यह पुल और इसके आस-पास के इलाकों की सड़कों की बदत्तर हालत को देखते हुए जिला प्रशासन और नगरपालिका प्रशासन के उच्च अधिकारियों पर कई सवाल खड़े हो गए हैं। चुनावों के दौरान यहां के विकास को खास मुद्दा बनाकर नेता बड़े-बड़े वादे करते हैं और फिर बाद में इस विकास के नाम पर बस आश्वासन देते ही रह जाते हैं। साथ ही साथ प्रशासन भी इस मामले पर कार्यवाही नहीं कर रही है, जिस कारण यहां के लोगों को रोज़ाना कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है और हर वक्त इस जर्जर पुल के कारण उनकी जान को भी खतरा बना रहता है। न जाने कब तक इस पुल का नवनिर्माण कराया जायगा और कब तक यहां के लोगों को इसी तरह की मुसीबतों और घटनाओं का सामना करना पड़ेगा।