शहडोल-अमर कंटक मार्ग में किरर पहाड़ियों के पास 8 जुलाई को हुए भूस्खलन में तीन स्थान पर रास्ता क्षतिग्रस्त हो गया था। जिसके कारण यहाँ यातायात को रोक दिया गया था। प्रशासन का कहना था कि तीन माह के अंदर ही भूस्खलन से क्षतिग्रस्त मार्ग की मरम्मत कर ली जाएगी और रास्ता फिर से शुरू कर दिया जाएगा। लेकिन चार माह से भी ज्यादा समय बीत चुका है और किरर मार्ग के क्षतिग्रस्त हिस्से का मरम्मत कार्य पूरा नहीं हो पाया है।
एमपीआरडीसी विभाग ने लगभग एक करोड़ अस्सी लाख रूपए की लागत से इस सड़क की मरम्मत कार्य का जिम्मा ठेकेदार को सौंपा था। लेकिन ठेकेदार द्वारा अभी तक काम पूरा करके नहीं दिया गया है। संबंधित अधिकारियों और ठेकेदारों का कहना है कि बरसात के मौसम में मरम्मत कार्य पूरा करना मुश्किल हो रहा था इसलिए अंकित काम को पूरा करने में समय लग रहा है।
यातायात रोके जाने के बाद यहाँ वाहनों को डाइवर्ट करके बैहार घाट के रास्ते से जाने की अनुमति दी गई थी, लेकिन यह रास्ता इतना घुमावदार और खतरनाक है कि पिछले चार महीनों में यहाँ कई बार एक्सीडेंट हो चूके हैं। और यह मार्ग लंबा होने की वजह से यात्रियों को किराया भी अधिक देना पड़ रहा है।
समस्या केवल यहीं पर नहीं रुकती है, बल्कि पुष्पराजगढ़ जनपद में अनूपपुर जिले का सबसे ज्यादा खनन कार्य किया जाता है और यहाँ सबसे ज्यादा क्रेशिंग मशीन चलती है। लेकिन किरर मार्ग के बंद होने की वजह से गिट्टी, स्टोन मार्बल और स्टोन डस्ट की सप्लाई बाधित हुई है और इन खनन वाहनों को भी बैहार घाट मार्ग से घूमकर आना पड़ता है। इस कारण मार्बल और गिट्टी के दाम अचानक बढ़ गए हैं।
इतना ही नहीं बल्कि चचानडीह बॉक्साइट खदान में भी खनन कार्य बंद कर दिया गया है। जिसका कारण मार्ग का बाधित होना ही बताया जा रहा है। किरर मार्ग का मरम्मत कार्य ना हो पाने की वजह से न केवल अमरकंटक पहुंचने वाले यात्रियों को परेशानी हो रही है, बल्कि स्थानीय लोगों को भी खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
यातायात, खनन कार्य, महंगाई ये सारी समस्याएं रास्ता ना बन पाने की वजह से पैदा हो रही है। एमपीआरडीसी को चाहिए कि जल्द से जल्द सड़क का मरम्मत कार्य पूरा कराया जाए ताकि रास्ते पर फिर से यातायात शुरू हो सके और यात्रियों को अतिरिक्त किराया न देना पड़े। साथ ही साथ गिट्टी, स्टोन मार्बल की सप्लाई में आ रही दिक्कतों में भी कमी लाई जा सके।