देश की लड़कियां और महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही हैं। जिन क्षेत्रों में अभी तक पुरुष और लड़के ही काम किया करते थे, वहाँ अब लड़कियों को भी मौका दिया जा रहा है।
इसी कड़ी में बांधवगढ़ नेशनल पार्क में भी अब लड़कियां पर्यटकों को जिप्सी में बिठाकर जंगल की सैर कराती हुई नज़र आएँगी। उमरिया जिला प्रशासन और एमपी कॉन के निर्देश पर जनजाति कार्य विभाग ने 30 लड़कियों को चयनित करके उन्हें जिप्सी और अन्य फ़ोर वीलर वाहन चलाने की ट्रेनिंग देने का फैसला किया है।
लड़कियां भी जिप्सी चलाने की ट्रेनिंग पाकर बहुत खुश नजर आ रही हैं। लड़कियों का मानना है कि इससे जहाँ इन्हें रोजगार का साधन उपलब्ध हो सकेगा, वहीं ये पर्यावरण और जंगल को भी नजदीक से जान सकेंगीं और बाकी लड़कियों और महिलाओं के लिए एक आदर्श स्थापित कर सकेंगीं।
जिप्सी सीखने को लेकर लड़कियों में काफी उत्साह है। ड्राइविंग प्रशिक्षण पा रही खुशबू कोल और पुष्पा सिंह का कहना है कि ड्राइविंग सीखने के लिए वे काफी मेहनत कर रही हैं और उन्हें इस क्षेत्र में काम करके बहुत खुशी महसूस हो रही है। प्रशिक्षण के बाद लड़कियों को ड्राइविंग लाइसेंस दिए जाएंगे जबकि कई लड़कियों को ड्राइविंग लाइसेंस मिल भी चुके हैं।
बहुत जल्द ये लड़कियां पूरी तरह प्रशिक्षित होकर बांधवगढ़ नेशनल पार्क में पर्यटकों को सैर कराती हुई नजर आएँगीं। लोगों द्वारा भी जनजाति कार्य विभाग के इस कदम की सराहना की जा रही है। महिला सशक्तिकरण की दिशा में यह एक अच्छा कदम माना जा रहा है। साथ ही साथ महिलाओं को रोजगार दिलाने की दिशा में भी यह एक महत्वपूर्ण पहल है।