अक्टूबर माह में अनुपपुर के सीतापुर खदान के पहुँच मार्ग को लेकर ग्रामीणों और केजी डेवेलपर्स कंपनी के बीच विवाद खड़ा हो गया था। पहुंच मार्ग के कथित मालिक का कहना था कि खदान का यह पहुँच मार्ग उसके स्वामित्व में आता है और इसे ग्रामीणों को उपयोग करने के लिए दिया गया है न कि खदान से आने जाने वाले वाहनों को। जबकि कंपनी का मानना था कि यह पहुँच मार्ग ग्राम पंचायत द्वारा बनाया गया है।
विवाद को बढ़ता हुआ देख 14 अक्तूबर को प्रशासन ने खनिज विभाग और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम बनाकर पुलिस की उपस्थिति में यहाँ सीमांकन कराया था और बीते दिन इस सीमांकन की रिपोर्ट जारी कर दी गई है।
राजस्व विभाग ने सीमांकन की रिपोर्ट जारी करते हुए कहा है कि पहुँच मार्ग की ज़मीन शासकीय भूमि है और इस पर निजी कब्जा बताने वाले व्यक्तियों को यहाँ से अपना स्वामित्व छोड़ देना चाहिए। साथ ही यह भी निर्देश दिए हैं कि इस मार्ग का प्रयोग ग्रामीण और खदान से आने वाले वाहन भी कर सकते हैं।
सीतापुर के अलावा बकही और बलबहरा गांव की खदानों के पहुँच मार्ग पर भी इसी तरह की आपत्ति दर्ज कराई गई थी। लेकिन यहाँ के ग्रामीणों और प्रबंधन के बीच आपसी सहमति के बाद मामला हल हो गया था। बलबहरा में खदान से आने जाने वाले वाहनों को वैकल्पिक जमीन उपलब्ध कराए जाने का भरोसा दिया गया था। जबकि बकही पहुँच मार्ग पर आपसी सहमति से मामला हल कर लिया गया था।
लेकिन सीतापुर खदान पहुँच मार्ग पर विवाद बढ़ गया था और इसलिए प्रशासन को पुलिस की उपस्थिति में यहाँ सीमांकन कराना पड़ा था। सीमांकन रिपोर्ट के जारी होने के बाद यह साफ हो गया है कि पहुंच मार्ग शासकीय भूमि के तहत आता है और इस पर ग्रामीणों के साथ साथ खदान के वाहनों की आवाजाही पर भी अधिकार है।
लेकिन अभी भी ग्रामीणों की समस्या हल नहीं हो रही है। ग्रामीणों का मानना है कि इस मार्ग से खदान से होकर आने वाले भारी वाहनों के गुज़रने से सड़क मार्ग खराब हो रहा है। खदान से आने वाले वाहनों को कोई दूसरा रास्ता उपलब्ध कराया जाना चाहिए। प्रशासन के अधिकारियों द्वारा इस समस्या को भी सुलझाने के प्रयास किए जा रहे।