एसईसीएल सोहागपुर एरिया की कोयला खदानों में उत्पादन करना काफी मुश्किल भरा होने वाला है। एक तरफ कई खदानों में उत्पादन काफी कम हो रहा है, तो जहां पर उत्पादन बढ़ा है वहां पर भी आने वाले समय में कोई खास उत्पादन की उम्मीद नहीं दिख रही क्योंकि जिस तरह से अमलाई ओपन कास्ट में ढोलू कंपनी काम कर रही थी, अब टेंडर समाप्त होने के बाद उसने भी अपना काम बंद कर दिया है।
इसके बाद एक नई कंपनी को उत्पादन का काम सौंपा गया, किंतु यह कंपनी भी उत्पादन ठीक तरह से नहीं कर रही है और शायद इसका टेंडर भी निरस्त हो सकता है, जिस कारण से आने वाले समय में यहां पर भी कोयला उत्पादन करना काफी मुश्किल भरा हो जाएगा। वर्तमान में सोहागपुर एरिया में 10 हज़ार टन के आसपास कोयले का उत्पादन हो रहा है जो कि उम्मीद से काफी कम है।
बिलासपुर मुख्यालय द्वारा 2021-22 का कोयला उत्पादन का लक्ष्य सीमित समय में पूरा होता नहीं दिख रहा है। इस लक्ष्य की घोषणा के बाद से लगभग 6 महीनें बीत चुके हैं किंतु तय लक्ष्य का आधा कोयला उत्पादन भी अब तक नहीं हो पाया है। इसके पीछे कई कारण हैं। कोयला उत्पादन के लिए एरिया प्रबंधन 3 खदानों पर ही सबसे ज़्यादा निर्भर हैं, किंतु इन तीनों ही खदानों में कोयला उत्पादन काफी धीमी रफ़्तार से हो रहा है।
शारदा ओपन कास्ट में कोयला उत्पादन बंद है और यहां पर भी कोयला उत्पादन को लेकर अभी काफी इंतजार प्रबंधन को करना पड़ेगा। वहीं धनपुरी ओपन कास्ट में जिस तरह से कोयला उत्पादन शुरू हुआ था, वह एक बार फिर बंद हो गया है। यहां पर कोयला उत्पादन बढ़ने में समय लगेगा जिस कारण से इसका सीधा असर एरिया के उत्पादन लक्ष्य पर ही पड़ेगा। वहीं दामिनी खदान में भी सिर्फ 1000 टन के आसपास कोयला उत्पादन हो रहा है।
कोयला उत्पादन बढ़ाने के लिए लगातार एरिया महाप्रबंधक द्वारा कई कोशिशें की जा रही हैं किंतु यह कोशिशें सफल होती नज़र नहीं आ रही है। अब मुख्यालय द्वारा 2021-22 का कोयला उत्पादन का लक्ष्य अधर में ही लटका दिख रहा हैं और उत्पादन की धीमी गति को देखते हुए न जाने कब तक यह लक्ष्य पूरा किया जा सकेगा।