जिला मुख्यालय स्थित शासकीय सीनियर उत्कृष्ट कन्या छात्रावास अनूपपुर के सामने की शासकीय भूमि एक खेल के मैदान के लिए नहीं बल्कि असामाजिक तत्वों द्वारा इस्तेमाल की जा रही है। और प्रशासन इस बात से अनजान बना हुआ है, प्रशासन द्वारा छात्राओं की इस समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
दरअसल,छात्रावास के सामने चंदास नदी से लगी हुई शासकीय भूमि खाली होने पर छात्रावास की अधीक्षिका अमिता मरावी ने इस भूमि को छात्राओं के लिए एक खेल के मैदान के रूप में प्रशासन को प्रस्तावित करने के लिए पत्राचार भी किया था, किंतु प्रशासन की ओर से इस विषय पर कोई खास रिस्पांस नहीं मिला। फिर उसके बाद इस शासकीय भूमि पर अनूपपुर के बाहरी लोगों ने जबरन कब्ज़ा कर लिया और अब वे इस भूमि पर झुग्गी-झोपड़ी बनाकर रह रहे हैं।
इतना ही नहीं, ये लोग रात के समय शराब पीकर यहां बद्तमीज़ी करते हैं और अश्लील शब्दों का प्रयोग करते हैं, जिस कारण हॉस्टल की सभी लड़कियां डरी और सहमी रहती हैं और खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर पाती हैं। साथ ही नगर के वार्ड क्रमांक 13 और 14 के लोगों ने भी इन असामाजिक तत्वों द्वारा किए जा रहे इस हुड़दंग की शिकायत कई बार अनुविभागीय दंडाधिकारी से लिखित रूप में की, किंतु इस शिकायत पर कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है।
छात्रावास की अधीक्षिका अमिता मरावी का कहना है कि उन्होंने इस मामले की शिकायत उच्चाधिकारियों से भी कई बार की है किंतु अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हो सकी।
प्रशासन के इस रवैये पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। आखिर इतनी शिकायतों के बाद भी प्रशासन ऐसी लापरवाही कैसे कर सकता है? इस मामले पर जल्द से जल्द कार्यवाही कर कोई सख्त एक्शन लेने की ज़रूरत है वरना कोई बड़ी हादसा भी हो सकता है। साथ ही प्रशासन को इन असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्यवाही कर यह पता लगाना चाहिए की आखिर कैसे यह लोग इस जगह पर आए और झुग्गी बनाकर रहने लगे। साथ ही इन्हें कोई दूसरी जगह पर शिफ्ट करने की भी आवश्यकता है।