16 लाख रुपए की लागत से धनपुरी में वाटर एटीएम लगाया गया था, जिसका लाभ लोगों को जरूर मिला लेकिन केवल चंद समय के लिए, अब इस वाटर एटीएम में पानी तो दूर की बात है, हवा तक भी नहीं निकलती है, जिसने लोगों के साफ पानी मिलने के सपने को चूर चूर कर दिया है।
16 लाख रुपए की लागत से लगाया गया यह वाटर एटीएम एसईसीएल सोहागपुर एरिया में एकीकृत जल प्रदाय योजना के अंतर्गत धनपुरी नंबर 3 केन्द्रीय विद्यालय के पास मौजूद है। अब इसे धनपुरी वासियों की बदनसीबी मानें या प्रशासन की मनमानी।
मात्र एक शो पीस बन चुका है यह वाटर एटीएम। जब इसका निर्माण हुआ वो भी इतना ढिंडोराा पीटके, लोगों को यह लगने लगा कि अब शुद्ध पानी मिल सकेगा, और जिस गंदे पानी को पीके बीमारियों से गुजरना पड़ता था उनसे भी छुटकारा मिल सकेगा, लेकिन नागरिक गलत फहमी का शिकार बन चुके हैं। क्या आज तक प्रशासन के समक्ष बिना अपील के कोई हल निकला है? क्या कोई निर्माण कार्य सफल हुआ है? इसका जवाब सीधा है, नहीं।
यूं तो बड़ी बड़ी बातें करने में प्रशासन बिल्कुल नहीं कतराता लेकिन बात जब अपने ही कानूनों , नियमों को अपनाने की की जाए तो प्रशासन पीछे हैट जाता है । प्रशासन को इतनी तक सुध नहीं है कि लोगों को यह बता दिया जाए कि आखिर 6-7 महीनों से वाटर एटीएम बंद क्यूँ पड़ा है?
लोग इसपर पूरी तरह से डिपेंडेंट हो गए थे, सुबह शाम घर व दुकानों के लिए पानी ले जाया करते थे। अब एटीएम बंद होने की वजह से इन लोगों को दूषित पानी पीना पड़ रहा है। आखिर कब तक प्रशासन यूं हाथ पर हाथ धरे बैठा रहेगा, क्यूँ हमेशा निर्माण कार्य सफल होने से पहले ही असफल हो जाया करते हैं? प्रशासन को जल्द ही इस पर संज्ञान लेना चाहिए।