अस्पतालों में लगातार बढ़ती आगजनी की घटना के बाद अनुपपुर जिला अस्पताल में सुरक्षा के इंतजाम पुख्ता नहीं किए जा रहे हैं। अनुपपुर जिला अस्पताल में बच्चों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। अस्पताल के एसएनसीयू, एनआरसी और पीआईसीयू जैसे केंद्रों में आग से सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं है।
अस्पताल में अग्निशामक यंत्र तो लगे हुए हैं लेकिन उनको चलाने के लिएकिसी को प्रशिक्षण नहीं दिया गया है। वार्डों में कार्यरत स्टाफ नर्स को अग्निशामक चलाने के बारे में बता दिया गया है और आग से सुरक्षा का जिम्मा भी ऐसे ही कर्मचारियों को सौंप दिया गया है।
अनूपपुर जिला अस्पताल आईएसओ प्रमाणित स्वास्थ्य संस्था है, जहाँ हर प्रकार की दुर्घटना से सुरक्षा के इंतजाम होने चाहिए लेकिन इसके बावजूद भी यहाँ इस तरह का कोई उपकरण भी नहीं है और न ही कर्मचारी हैंं।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि आईएसओ प्रमाणित स्वास्थ्य संस्थान में एनओसी सर्टिफिकेट के साथ अग्निशामक यंत्र, तकनीकी टीम, फायर अलार्म, स्मोक डिटेक्टर मशीन सहित अन्य उपकरणों का होना आवश्यक है। इसके बावजूद यहाँ इस तरह का कोई इंतजाम नहीं है।
हाल ही में घटित मुंबई और कलकत्ता के अस्पतालों में आगजनी की घटनाओं के बाद भी स्वास्थ्य विभाग कोई एक्शन नहीं ले रहा है। यहाँ तक कि फायर एनओसी के सर्टिफिकेट के लिए अर्जी फरवरी माह से लटकी हुई है लेकिन अभी तक इसकी प्रक्रिया पूरी नहीं हो पायी।
स्वास्थ्य विभाग इस तरह की लापरवाही किसी बड़ी दुर्घटना को आमंत्रण दे रहा है। इससे पहले मुंबई,कलकत्ता भोपाल जैसी आगजनी की घटनाओं से अनुपपुर स्वास्थ्य विभाग को सबक लेना चाहिए और जल्द से जल्द यहाँ सुरक्षा के इंतजाम किए जाने चाहिए।