भोपाल के हमीदिया अस्पताल के पीडियाट्रिक वार्ड में शार्टसर्किट से आग लगने पर हुई दर्जनों नवजातों की मौत के बाद से सभी जिला अस्पताल प्रबंधन सतर्कता दिखाते हुए फायर सेफ्टी उपकरणों की जांच कर रहे हैं, और खाली फायर सेफ्टी उपकरणों की फिलिंग व एक्सपायरी उपकरणों को फेंक रहे हैं। साथ ही प्रबंधन द्वारा शार्टसर्किट की भी नियमित रूप से जांच की जा रही है।
किसी भी तरह के हादसे या दुर्घटना को रोके जाने के लिए उमरिया के जिला अस्पताल प्रबंधन द्वारा भी कई सुरक्षा उपाय किए जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार अस्पताल के पीआईसीयू में एनआरसी वार्ड के अंदर 10 बिस्तर की क्षमता में स्टॉफ द्वारा 9 बच्चे का इलाज किया जा रहा है। इनमें सर्दी, जुकाम, निमोनिया व सांस लेने में तकलीफ की पीड़ा से कई बच्चे ग्रसित थे। यहां ऑक्सीजन की भी सुविधा है, हालांकि वार्ड के अंदर लगा उपकरण गायब पाया गया, किंतु ऐसा पता चला है कि ये उपकरण हाल ही में रीफिलिंग के लिए भेजा गया है।
इसी तरह अस्पताल के दूसरे कक्ष में भी नवजात शिशु गहन चिकित्सा यानि एसएनसीयू भी संचालित है। यहांं भी बाहर एक फायर सेफ्टी उपकरण रखा था, किंतु ये भी खाली ही पाया गया, जिसको तुरंत फिलिंग के लिए भेजा गया। इस वार्ड में 0 से 29 दिन के नवजात शिशु रखे जाते हैं और प्री मिच्योर, कमजोर, गंभीर बीमारी से ग्रस्त नवजातों को इलाज दिया जाता है।
एसएनसीयू के प्रभारी डॉ. एसके निपाने का कहना है कि वे स्वयं सभी उपकरणों की नियमित जांच करते हैं। साथ ही अस्पताल में वार्मर से लेकर कांच के ट्रे, फोटोथैरेपी, सक्शन मशीन, ऑक्सीजन सप्लाई मशीन, मॉनिटरिंग आदि उपकरण फंक्शनिंग स्थिति में हैं।
हालांकि जिला अस्पताल में सभीसुविधाएं दुरुस्त पाई गई हैं किंतु समय-समय पर अस्पताल प्रबंधन को फायर सेफ्टी उपकरणों और अन्य आवशयक व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करते रहना चाहिए। क्योंकि हादसे और दुर्घटना कभी बताकर नहीं होते। इस लिए छोटी से छोटी भूल या लापरवाही भी सैकड़ों मासूमों की जान ले सकती है।