शहडोल जिले के शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय मसीरा में विगत कई सालों से पदस्थ शाला प्रभारी कभी भी समय पर विद्यालय नहीं पहुँचते। जिस कारण स्कूल कभी भी समय से नहीं खुलता, और बच्चे मनमानी करते हुए सड़कों पर घूमते, खेलते-कूदते हैं जिस कारण हादसे होने की संभावना भी बनी रहती है। विद्यार्थियों के अभिभावकों की चिंता भी अब बढ़ने लगी है, क्योंकि ये बच्चे अब पढ़ाई को लेकर ज़्यादा गंभीर नहीं रहते और ज़्यादातर समय में स्कूल के आस-पास ही घूमते नज़र आते हैं।
लेकिन जिला प्रशासन को इस बात की कानोकान खबर नहीं है। शाला प्रभारी और कर्मचारी बिना इन विद्यार्थियों की चिंता किए अपने मनमाने समय से स्कूल पहुंचते हैं, जिससे इनका कोई नुकसान नहीं होता,किंतु स्कूल में पढ़ रहे विद्यार्थियों का भविष्य संकट में आ गया है।
ग्राम पंचायत मसीरा अंतर्गत आने वाली इस शाला के प्रभारी और कर्मचारियों का आलम यह है कि कभी भी ये समय से स्कूल नहीं आते, जिसके कारण छात्र सड़कों पर घूमते नज़र आते हैं। ऐसा पता चला है कि विद्यालय के पास, शाला प्रभारी अशोक मिश्रा अपनी निजी आटा चक्की में ज्यादा समय देते हैं और अपनी जिम्मेदारियों को अनदेखा करते हुए, जब मन चाहे विद्यालय में समय देते हैं।
इतना ही नहीं इस स्कूल में महीने के अधिकतर दिनों में ताला भी समय पर नहीं खुलता, और समय से स्कूल न खुलने से यहां के छात्र या तो रोड पर घूमते रहते हैं या तो आसपास के चाय-पान के टपरियों के पास मंडराते रहते हैं। जब स्कूल प्रबंधन को ही इन बच्चों के भविष्य की कोई चिंता नहीं है, तो भला कैसे ये बच्चे अपनी पढ़ाई को लेकर गंभीर होंगे?
जिला प्रशासन को जल्द से जल्द मसीरा स्कूल के शाला के प्रभारी और कर्मचारियों पर सख्त कार्यवाही करनी चाहिए।और इनके इस रवैये और लापरवाही की सुध लेनी चाहिए। जब इन्हें इनकी ज़िम्मदेरियों के लिए अच्छी-खासी पगार दी जाती है तो इनका कर्त्वय बनता है कि ये अपनी ज़िम्मदारियों को पूरे मन से निभाए, क्योंकि स्कूल के विद्यार्थियों का भविष्य और सुरक्षा इन्ही के हाथों में हैं।