भ्रष्टाचार का मामला फिर एक बार सामने निकल कर के आया है जिसके परिणाम आम इंसान को ही हमेशा की तरह भुगतने पड़ रहे हैं। कुछ समय पूर्व जनपद कोतमा के ग्राम पंचायत खमरौध में ग्रामीणों की सुविधा के लिए हैंड पंप के करीब एक स्नानघर का निर्माण कराया जा रहा था, जब इसी निर्माण कार्य का जायजा लेने एसडीओ जीके मिश्रा पहुंचे तो क्या पाते हैं, स्टीमेट के अनुरूप स्नानघर के निर्माण कार्य तो हुए ही नहीं हैं।
इसके चलते मौके पर उपस्थित उपयंत्री व सचिव को एसडीओ ने जमकर फटकार लगाई और साथ ही निर्माण कार्य को जल्द से जल्द पूर्ण करने के आदेश दे दिए गए। अब सोचने वाली बात यह है कि न जाने कितने निर्माण कार्य में उपयंत्री और सचिव की जोड़ी ने भ्रष्टाचार किया होगा। कमीशन लेकर ग्रामीणों के लिए आ रही योजनाओं पर पलीता लगाने में यह जिम्मेदार अधिकारी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
गौरतलब है कि जैसे ही खबर पब्लिश हुई तो उपयंत्री और सचिव दोनों द्वारा भ्रष्टाचार छिपाने के लिए स्नानघर की अगले ही दिन चूने से पुताई करने की कोशिश की गई पर इनका जुगाड़ ग्रामीणों के समक्ष फेल हो गया और इनका असली चेहरा जनता के समक्ष आया।
जैसा कि पहले भी कहा गया कि उपयंत्री और सचिव की जोड़ी ने न जाने कितने भ्रष्टाचार किए होंगे, उन्ही में से एक की खबर सामने आई है जहां नाली निर्माण के लिए 246000 लाख की लागत थी जिसको इस जोड़ी ने ठेके पर दे दिया, जिसके बाद ठेकेदारों द्वारा मनमानी कर नाली निर्माण कार्य पूरा होना बाता दिया गया। लेकिन गुणवत्ता युक्त नाली निर्माण नही मिल सका और इस बात पर ग्रामीणों ने आपत्ति भी जताई थी।