29वें राष्ट्रिय बाल विज्ञान कांग्रेस का जिला स्तरीय आयोजन शरू हो चुका है। इस कार्यक्रम में कक्षा 6 से 12वीं तक के 17 साल की उम्र तक के बच्चे मुख्य विषय सतत जीवन के लिए विज्ञान के 5 विषयों में से स्थानीय स्तर पर समस्या चुनकर वैज्ञानिक विधि का प्रयोग कर अपने लघु शोध प्रस्तुत करते हैं।
जिला स्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन सेंट्रल एकेडमी स्कूल में हुआ, जिसमें शासकीय एमएलबी कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय शहडोल की छात्रा कुमारी पायल नामदेव और कुमारी प्रिया राव के द्वारा प्रस्तुत सिंगल यूज प्लास्टिक के विकल्प शोध पत्र का चयन राज्य स्तर के लिए किया गया है।
इन छात्राओं ने इस आवशयक और गंभीर विषय को चुनकर सिंगल यूज प्लास्टिक और प्लास्टिक की पॉलिथीन जो रास्तों में लोगों द्वारा इस्तेमाल करने के बाद फेंक दी जाती है, जिन्हें पशु खाकर बीमार हो जाते हैं, यहां तक कि उनकी मृत्यु तक हो जाती है, साथ ही प्लास्टिक का इस्तेमाल पर्यावरण को भी प्रदूषित करता है। इसे ध्यान में रखते हुए छात्राओं के द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को कम करने हेतु लोगों को जागरूक करने और उसके विकल्पों के उपयोग को बढ़ावा देने के प्रयास किए गए हैं।
इन छात्राओं ने अपने शोध पत्र में बताया कि उपयोग के बाद फेंक दी जाने वाली प्लास्टिक की बॉटल और प्लास्टिक की पॉलीथिन का उपयोग प्लास्टिक की ईंट के निर्माण में किया जा सकता है। और इसके निर्माण की विधि बिल्कुल आसान है, कोई भी इन्हें आसानी से घर में बना सकता है। इसके दो फायदे है, एक तो पौधे सुरक्षित रहेंगे और दूसरा पशु पॉलिथीन खाकर बीमार नहीं पड़ेंगे।
वाकई में इन दोनों बालिकाओं द्वारा पर्यावरण की सुरक्षा के लिए किए जा रहे प्रयास और प्लास्टिक से भूमि प्रदूषण को रोकने के लिए नए-नए तरीकों और योजनाओं को प्रस्तुत करना एक प्रशंसाजनक कार्य है। इनकी इस योजना से प्लास्टिक जैसे हानिकारक पदार्थ से पर्यावरण और मासूम पशुओं को भी बचाया जा सकेगा।