प्रशासन द्वारा जिले भर को शत-प्रतिशत वैक्सीनेटेड करने के लिए कड़े प्रयास किए जा रहे हैं और ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को टीकाकरण के लिए जागरूक भी किया जा रहा है। किंतु इस दौरान एक अजीब-सी खबर ने शहडोल जिले में चारों ओर हड़कंप मचा दिया है।
दरअसल 10 नवंबर 2021 को मृत व्यक्ति के नाम पर जारी किया गया दूसरी डोज़ का सर्टिफिकेट जब मृतक के बेटे के मोबाइल पर आया तो उसे लगा कि उसके पिता को यह वैक्सीन का दूसरा डोज़ कैसे लग गया जबकि उनकी मृत्यु तो कोरोना की वजह से स्थानीय मेडिकल कॉलेज में 15 अप्रैल 2021 को हो चुकी थी। इस जारी सर्टिफिकेट के अनुसार मृतक को कोवीशील्ड की दूसरी डोज़ 10 नवंबर को शहडोल के रेलवे अस्पताल में सीमा कचेर के नाम की नर्स द्वारा लगाया गया है और टीकाकरण पूरा भी हो गया है।
अब यह टीकाकरण जिले को शत-प्रतिशत वैक्सीनेटेड करने के लक्ष्य को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए लगाया गया है या इसमें टीकाकरण के अधिकारियों द्वारा लापरवाही के कारण ऐसा हुआ है? कुछ स्पष्ट नहीं कहा जा सकता।
आजकल जिले में हर जगह ऐसी भी चर्चा है कि कुछ पैसे देकर बिना टीका लगवाए ही सर्टिफिकेट जारी किए जा रहे हैं। और ऐसी अफवाह भी है कि अगर किसी को बिना टीका लगवाए ही सर्टिफिकेट चाहिए तो उसे वह आसानी से मिल सकता है। अगर ये बात सच है, तो इस पर प्रशासन के उच्चाधिकारियों पर कई बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं।
हालांकि मृत व्यक्ति के टीकाकरण के दूसरी डोज़ के जारी सट्रिफिकेट के मामले पर टीकाकरण प्रभारी डॉ. अंशुमान सोनारे का कहना है कि प्रदेश भर में लाखों टीके लगाए जा रहे हैं, तो मोबाइल नम्बरों में गलती से एक आध केस में त्रुटिवश ऐसा हो सकता है।
पर जिले भर में फर्जी सर्टिफिकेट की अफवाओं का फैलना भी नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता क्योंकि यह कोई छोटी-मोटी बात नहीं है। देश को पूर्ण रूप से वैक्सीनेटेड करने के लिए ढेरों प्रयास और कड़ी मशक्कत की जा रही है, सिर्फ इसलिए कि पूरा देश कोरोना मुक्त हो सके। किंतु कुछ भ्रष्ट लोगों के कारण यह लक्ष्य पूरा करना मुश्किल नज़र आ रहा है।