कृषि कानून प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा वापस ले लेने के बाद भी हालत कुछ सुधरते हुए नजर नही पड़ते हैं। शहडोल जिला अध्यक्ष काँग्रेस पार्टी के कहते हैं की चुनाव से हार के डर से मोदी सरकार द्वारा लिया गया निर्णय यदि किसी भी हाल में पुनः सरकार लागू कर देती है तो यह देशभर के किसानों के साथ बहुत बड़ा छलावा होगा। आगे वो कहते हैं की केंद्र की मोदी सरकार द्वारा वापस लिए जाने वाले तीनों कानून की घोषणा के बाद उन्ही के सरकार के मंत्री एवं कुछ नेता यह बोलने से बाज नहीं आ रहे हैं।
जिला काँग्रेस अध्यक्ष आजाद बहादुर द्वारा यह आरोप मध्य प्रदेश शासन के कृषि मंत्री कमल पटेल द्वारा दिए गए बयान के बाद निकल कर के आया। आगे बहादुर जी कहते हैं की इसी प्रकार उत्तरप्रदेश में भी इसी तरह बयान देकर किसानों का अपमान किया गया।
जिला अध्यक्ष आगे कहते हैं की यह किसानों की जीत है, सत्याग्रह की जीत है, जो केंद्र सरकार इतने वर्षों से अहंकार मे लिप्त थी उसे आज झुकना ही पडा। एक किसान ऐसा व्यक्ति है जिसके कड़ी परिश्रम से हमे भर पेट भोजन प्राप्त हो पाता है, खेतों में इनके द्वारा दिन रात मेहनत की जाती है, उन्ही की यह जीत है।
आगे बड़ी बात कहते हुए आजाद जी कहते हैं की केंद्र में बैठी मोदी सरकार को तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि पानी अब सर के ऊपर जा चुका है, इन काले कानूनों के आने की वजह से न जाने कितने किसान मौत के घाट उतर गए। लेकिन तब सरकार की नजर कहाँ इन किसान पर पडनी थी, तब तो केवल किसानों को आतंकवादी, खालिस्तानी और न जाने क्या क्या कह कर अपमान करते रहे। आगे उन्होने कहा की देश के किसान मोदी सरकार को कभी भी माफ नही करेंगे और यह आने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में पता चल जाएगा।