धनपुरी के एसईसीएल सोहागपुर क्षेत्र अंतर्गत साफ-सफाई न होने से कॉलिनियों में जगह-जगह कचरे के ढेर नज़र आते हैं, साथ ही साथ यहां की नालियां तो अब गायब ही हो गई हैं। इन नालियों में गंदा पानी और प्लास्टिक की पन्नियां व कूड़ा आदि भर गए हैं और ये नालियां जाम हो गई हैं।
सोहागपुर क्षेत्र अंतर्गत श्रमिक कॉलिनियों बंगवार, रुंगटा, रीजनल कॉलोनी, अरझुला कॉलोनी, संजय नगर, छोटी अमलाई कॉलोनियों में साफ-सफाई न होने के कारण जगह-जगह कचरे के ढेर लग गए हैं, और यहां रह रहे श्रमिक इस गंदगी से बहुत परेशान हैं। आलम ये है कि श्रमिक अपना पैसा लगाकर घर के आसपास किसी तरह साफ-सफाई कराने को मजबूर हैं, क्योंकि कालरी प्रबंधन द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
हैरानी की बात है, वैसे तो प्रशासन द्वारा यह दावे किए जाते हैं कि जिलों में समय-समय पर लगातार नपा द्वारा स्वच्छता व साफ-सफाई हेतु कई निरीक्षण और भ्रमण किए जाते हैं, किंतु सोहागपुर क्षेत्र की इन श्रमिक कॉलिनियों में इतनी ज़्यादा गंदगी होने के बावजूद कुछ किया क्यों नहीं जा रहा हैं?
यहां रह रहे श्रमिकों ने बताया कि कई सालों से सिविल विभाग के इंजीनियर-ओवरसियर मोबाइल से ही अपना काम निपटा रहे हैं, जिससे यहां जमे कचरे के ढेर पर ज़्यादा कुछ प्रभाव नहीं पड़ता है। इनकी ये भी शिकायतें हैं कि बरसों से यहां सड़क और नाली का निर्माण भी नहीं कराया गया है। श्रमिक आवासों की छतों से पानी का रिसाव होता है, बिजली फिटिंग भी अव्यवस्थित है, और टूटे सेप्टिक टैंकों के खुले चेंबर से गंदा पानी सड़कों पर बहता है।
इनकी शिकायतों पर बस एक फॉर्मेलिटी के तौर पर कंपनी कल्याण बोर्ड द्वारा सोहागपुर एरिया की सभी कॉलिनियों का निरिक्षण तो किया जाता है, किंतु सुधार के नाम पर यहां अभी तक कुछ खास नहीं किया गया है। और ये श्रमिक इतनी गंदगी व बदबू में रहने को मजबूर हैं । जिसके चलते इन्हें आगे बढ़कर खुद ही परिसर की नालियों व सड़कों की सफाई करनी पड़ती है। क्योंकि कचरे का ढेर इतना ज़्यादा हो जाता हैं कि इनमें मच्छर पनपने लगते हैं, जिस कारण डेंगू, मलेरिया जैसी गंभीर बीमारी होने की भी आशंका बनी रहती है।
इन लोगों ने इस दिशा में एरिया महाप्रबंधक का ध्यान आकर्षित कराते हुए सिविल विभाग से कार्रवाई की मांग की है। उम्मीद है, एरिया प्रबंधन व सिविल विभाग के अधिकारियों द्वारा इन लोगों की मांगो पर जल्द से जल्द कार्यवाई कर सख्त एक्शन लिया जायगा।