अनूपपुर जिले के चचाई थाना अंतर्गत आने वााले पुलिस सहायता केंद्र देवहरा में बल की कमी होने के कारण ज़्यादातर ताला ही लगा रहता है और इसके अंतर्गत आने वाले 13 गांव और संगमा साइडिंग और दो कोयले की खदान की सुरक्षा के लिए इस पुलिस सहायता केंद्र में खासी ताकत या सुरक्षा की क्षमता नज़र नहीं आ रही है। क्योंकि स्टाफ के नाम पर यहां बस 4 कर्मचारियों को ही तैनात किया गया है।
हैरानी की बात है कि इस क्षेत्र के अंतर्गत कई गावों और दो कोयला खदानों के लिए इस पुलिस सहायता केंद्र में सिर्फ 4 ही कर्मचारी तैनात किए गए हैं। ऐसे में इनका बल कमज़ोर है और ये कथित गावों और खदानों की क्या ही रक्षा कर पायंगे? जानकारी के अनुसार इस सहायता केंद्र में एक उपनिरीक्षक, एक सहायक उपनिरीक्षक और एक महिला व पुरुष आरक्षक शामिल हैं। और इनमें से दो कर्मचारी, महिला आरक्षक 10 दिनों से छुट्टी पर हैं, जबकि पुरुष आरक्षक ने भी 3 दिन से छुट्टी ले रखी है। ऐसे में इस सहायता केंद्र का फायदा ही क्या रह गया? क्योंकि ज़्यादातर समय तो इसमें ताला ही लटकता पाया जाता है।
प्रभारी संजय खलखो ने इस ताले के पीछे का कारण बताया कि उन्हें न्यायालीन कार्य से अनूपपुर जाना पड़ा था, वहीं एएसआई केशरी मिश्रा पड़ोसियों के वाद-विवाद को निपटाने गए हुए थे। इस कारण सहायता केंद्र में रखे दस्तावेज और दूसरी सामग्री की सुरक्षा के लिए इन्हें यहाँ ताला लगाना पड़ा।
यह विषय चिंताजनक बन जाता है, क्योंकि यदि इस बीच किसी को इस सहायता केंद्र से मदद चाहिए, तो वो भला समय पर कैसे अपनी समस्या हेतु पुलिस की मदद मांग सकेगा?
यही नहीं, इस सहायता केंद्र की हालत भी बहुत खराब है, जिस कारण यहां अन्य कर्मचारी भी तैनात कैसे किए जाए?वर्तमान में इस पुलिस सहायता केंद्र का भवन बहुत ही पुराना है और अब जर्जर हो चुका है। साथ ही इसमें न तो कोई शौचालय की व्यवस्था है, और न ही पेयजल की।
इस समस्या पर अनूपपुर के पुलिस अधीक्षक अखिल पटेल का कहना है कि बल की तैनाती को लेकर पत्राचार किया गया है और अनुमति व उपलब्धता मिलने के बाद यहां बल उपलब्ध करा दिया जायगा। उम्मीद है, प्रशासन द्वारा जल्द इस सहायता केंद्र का निरिक्षण कर नए भवन का लोकापर्ण किया जायगा।