निर्माण कार्य में गड़बड़ी अब कोई आम सी बात लगती है, क्यूंकी आए दिन गड़बड़ी तो दूर काम शुरू ही नही किया जाता। ऐसा ही कुछ हाल है नगर के वार्ड क्रमांक 7 बनिया टोला से बजाज शोरूम तक सड़क का जिसकी देख-रेख लोक निर्माण विभाग के द्वारा अनिल बिल्डकोंन कंपनी के माध्यम से कराया जा रहा है। और सड़क के बीच में विधुत के खंबे लगाने के समय विधुत विभाग का कोई भी कर्मचारी मौके पर मौजूद नही रहता है जिसके कारण कार्य की क्वालिटी के संबंध में स्पष्ट जानकारी नही हो पा रही है।
नियम के अनुसार कार्य होने के पूर्व विद्युत् विभाग को इसकी जानकारी देनी चाहिए और उसके बाद विद्युत विभाग का कर्मचारी या अधिकारी द्वारा मौके पर खड़े होकर कर के गुणवत्ता की जांच करते हुए कार्य करना चाहिए और इसके बदले लोक निर्माण विभाग के द्वारा विद्युत् पोल शिफ्टिंग का कार्य ठेकेदार के माध्यम से कराया जा रहा है।
न ही ठेकेदार खंबे लगाए समय सुरक्षा मानकों का पालन करते हैं और साथ ही अपनी मर्जी से यह काम कराते हैं। जबकि पूर्व में ऐसे कार्य कराते समय कई दुर्घटनाएँ हो चुकी हैं। यदि फिर से ऐसी कोई घटना घटित हो जाती है तो कौन इसका ज़िम्मेदार होगा? यदि जिम्मेदार होगा भी तो क्या? क्या घटना होने से बच जाएगी?
अब यह विषय बहुत चिंताजनक बन चुका है क्यूंकी अब लोगों की ज़िंदगी इससे खतरे के घेरे में आकर खड़ी हो गई है।
जब इन्ही अधिकारियों से पूछो तो इनका उत्तर एकदम रटा रटाया होता है जैसे हम आदेश दे चुके हैं, काम हो जाएगा, जाकर निरीक्षण कर क्वालिटी की चेकिंग कर दी जाएगी। अब देखने वाली बात यही होगी की आखिरकार कब तक ऐसी टालमटोली चलती रहेगी, आखिर कब तक प्रशासन अपने काम में इतनी लापरवाही बरतती रहेगी।