शहडोल जिले से अब तीन पंचायतें कम हो जायंगी। दिसंबर-जनवरी में प्रस्तावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पुराने परिसीमन के आधार पर ही होंगे। राज्य शासन ने वर्ष 2019 में हुई परिसीमन की कार्रवाई को निरस्त कर दिया है। इसके चलते जिले के ब्यौहारी जनपद पंचायत अंतर्गत बढ़ी तीन पंचायतें अब विलोपित होकर पूर्व की पंचायतों में जुड़ जाएंगी। मतदाता भी शिफ्ट किए जाएंगे।
राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदाताओं की शिफ्टिंग के लिए पुनरीक्षण कार्यक्रम जारी कर दिया है। 6 दिसंबर तक प्रक्रिया पूरी की जानी है। साल 2019 में पंचायतों के परिसीमन की कार्रवाई के तहत ब्यौहारी जनपद पंचायत तीन नई पंचायतें बनी थीं। ग्राम पंचायत कुआं को तीन पंचायतों में कुआं, छतैना व भरतला में विभाजित किया गया था। जबकि नौढ़िया पंचायत में दो पंचायतें नौढ़िया व बेडरा बनाई गई थीं। जनसंख्या के आधार पर वार्डों का गठन किया गया था। अब परिसीमन निरस्त होने के बाद नए वार्डों को खत्म करते हुए मतदाताओं को यथावत पुरानी पंचायतों में जोड़ा जाएगा।
दिसंबर-जनवरी में प्रस्तावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 390 पंचायतों में ही होगा। इधर, बकहो पंचायत के हटने से बुढ़ार जनपद पंचायत के तीन वार्ड भी कम हो गए हैं। बुढ़ार जनपद पंचायत में अब 22 वार्ड रह गए हैं।
परिसीमन निरस्त होने के बाद अब जमुनी में 17 वार्ड और अलहरा में 19 वार्ड में ही मतदाता समायोजित किए जाएंगे। राज्य शासन ने 2019 में हुए पंचायतों एवं जनपद पंचायतों के आरक्षण को भी निरस्त कर दिया है। आगामी चुनाव में 2014 का आरक्षण ही प्रभावशील होगा। जिला पंचायत में वार्डों की संख्या 15 और जनपद पंचायत में 116 है।
मतदाताओं की यथावत शिफ्टिंग के लिए राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी पुनरीक्षण कार्यक्रम 25 नवंबर से शुरू होकर 6 दिसंबर तक चलना है। इसके लिए 29 नवंबर से 3 दिसंबर तक दावे आपत्ति भी लिए जाएंगे। इनका निराकरण कर 6 दिसंबर को फोटो युक्त अंतिम मतदाता सूची का ग्राम पंचायत और अन्य विहित स्थानों पर सार्वजनिक प्रकाशन किया जाएगा।