कोरोना के नए वेरिएंट से एक बार फिर पूरी दुनिया दहशत में है। कोरोना महामारी फैलने के तकरीबन दो साल बाद भी दुनिया इसके नए-नए वेरिएंट्स से लगातार जूझती नजर आ रही है। अभी पूरी दुनिया में जिस वेरिएंट का खौफ है, उसका नाम है ओमीक्रोन। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक समिति ने कोरोना वायरस के नये स्वरूप को ‘ओमीक्रॉन’ नाम दिया है और इसे ‘बेहद संक्रामक चिंताजनक स्वरूप’ करार दिया है। इससे पहले इस श्रेणी में कोरोना वायरस का डेल्टा स्वरूप था, जिससे यूरोप और अमेरिका के कई हिस्सों में लोगों ने बड़े पैमाने पर जान गंवाई। इस वेरिएंट पर वैक्सीन कितनी असरदार है, इसका अंदाजा भी लगाना मुश्किल है।
कोविड 19 के सदमे से अभी लोग अच्छे तरीके से बाहर भी नही निकल पाए थे कि इसके नए वेरिएंट, ओमिक्रांन का दोष अन्य देशों में मंडराने लगा है। इसीके चलते कलेक्टर श्रीमती वंदना वैध नें कलेक्ट्रट कार्यालय के विराट सभागर में पत्रकारों से चर्चा करते समय कहा की यह नया वेरिएंट पुराने वेरिएंट से काफी ज्यादा खतरनाक है। अब तक यह फैला नही है, तो समय रहते इससे बचने के लिए पूर्व ही हमे सभी को सतर्क और सजग करना अति आवश्यक है।
आगे उन्होंने कहा की यह जानकारी जन जागरूकता और प्रचार माध्यमों से लोगों तक यह संदेश पहुंचाया जाए की देश और प्रदेश के बाहर से आने वाले व्यक्तियों की जानकारी तत्काल प्रशासन को दें, जिससे कान्टैक्ट ट्रैसिंग में कोई दिकत न आए उसी के साथ आइसलैशन भी होगा और ट्रीट्मन्ट की व्यवस्था भी।
आगे उन्होने कहा की इसी के चलते ये बात भूलना बिल्कुल गलत है की हम अभी कोरोना मुक्त नही हुए हैं, हुमारे लिए मास्क का उपयोग, सोशल डिस्टनसिंग को पालना, तथा सैनिटाइजर से हाथ धोना उतना ही आवश्यक है जितना हुआ करता था। उन्होंने आगे लोगों से अपील की के वह जल्द से जल्द कोविड 19 की दोनों डोज ले लें, जो बचाव के लिए आवश्यक है। इन तरीकों से नए वेरिएंट से बचा जा सकता है।
उन्होंने सभी दुकानदारों को कोविड अनुकूल व्यवस्था रखने की बात कही और स्कूलों में बच्चों को कोविड अनुकूल व्यवहार का पालन करने की शपथ दिलाई जाने की मांग भी जताई। उन्होंने साफ सफाई न होने पर सपोर्ट फाइन लेने की भी मांग जताई।
यदि हम इस नए वेरिएंट की बात करें तो, कोरोना वायरस के नए स्वरूप के सामने आने के बाद से दुनिया के विभिन्न देश दक्षिण अफ्रीकी देशों से यात्रा पाबंदियां लगा रहे हैं ताकि नए स्वरूप के प्रसार पर रोक लगाई जा सके। विश्व स्वास्थ्य संगठन की सलाह पर ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, ईरान, जापान, थाईलैंड, अमेरिका, यूरोपीय संघ के देशों और ब्रिटेन सहित कई देशों ने दक्षिण अफ्रीकी देशों से यात्रा पर पाबंदियां लगाई हैं। विमानों का परिचालन बंद होने के बावजूद इस तरह के साक्ष्य हैं कि यह स्वरूप फैलता जा रहा है। बेल्जियम, इजराइल और हांगकांग के यात्रियों में नए मामले सामने आए हैं। जर्मनी में भी संभवत: एक मामला सामने आया है। हॉलैंड के अधिकारी दक्षिण अफ्रीका से आने वाले दो विमानों में 61 यात्रियों के कोविड-19 से संक्रमित पाए जाने के बाद नए स्वरूप की जांच कर रहे हैं।
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि ओमीक्रॉन के वास्तविक खतरों को अभी समझा नहीं गया है लेकिन शुरुआती सबूतों से पता चलता है कि अन्य अत्यधिक संक्रामक स्वरूपों के मुकाबले इससे फिर से संक्रमित होने का जोखिम अधिक है। इसका मतलब है कि जो लोग कोविड-19 से संक्रमित हो चुके हैं और उससे उबर गए हैं, वे फिर से संक्रमित हो सकते हैं। हालांकि, यह जानने में हफ्तों का वक्त लगेगा कि क्या मौजूदा टीके इसके खिलाफ कम प्रभावी हैं। डब्ल्यूएचओ समेत चिकित्सा विशेषज्ञों ने इस स्वरूप के बारे में विस्तारपूर्वक अध्ययन किए जाने से पहले जरूरत से ज्यादा प्रतिक्रिया देने के खिलाफ आगाह किया है। लेकिन इस वायरस से दुनियाभर में 50 लाख से अधिक लोगों की मौत के बाद लोग डरे हुए हैं। उम्मीद यही होगी की भारत ओमीक्रॉन के प्रभाव से बचा रहे।