शहडोल संभाग में आज से धान उपार्जन केंद्रों में धान की खरीदी की जायगी, इसके लिए 48 केंद्र बनाए गए जहां 27 हजार 778 पंजीकृत किसानों द्वारा उपज बेची जाएगी। गत वर्ष 50 खरीदी केंद्र बनाए गए थे और लगभग 26 हज़ार 114 किसानों ने उपज बेची थी। इस बार 47 केंद्र सभी अनाजों की खरीदी के लिए बनाए गए हैं जबकि एक केंद्र मोटा अनाज की खरीदी के लिए बनाया गया हैं। इस साल अच्छी बारिश और उत्पादन को देखते हुए डेढ़ लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य भी रखा गया है। और 15 जनवरी तक धान उपार्जन किया जाना है।
उपार्जन केंद्रों में किसानों की सुविधा के लिए नोडल अधिकारियों द्वारा कई बड़े-बड़े दावे तो किए गए थे, किंतु असलियत में इसका कुछ उल्टा ही प्रभाव देखने को मिला। जिला मुख्यालय ने इस बार खरीदी केंद्र तो बदल दिए हैं, किंतु वहां इन किसानों के लिए किसी भी तरह की मूलभूत सुविधाएं नहीं है।
सिर्फ शहडोल ही नहीं, बल्कि अनूपपुर और उमरिया व अनेक जिलों में भी खरीदी केंद्रों का स्थानांतरण कर उन्हें ओपन कैंप में ही रखा गया है। अनाज भण्डारण के लिए सुरक्षित भण्डारण केंद्र नहीं है। यह बस नाम के लिए ही दिखाए गए हैं। जानकारी के अनुसार धान की भण्डारण के लिए जो बारदाने चाहिए होते हैं, वो बहुत पुराने हैं, और अनाज भरने के बाद ही फटने लग जाते हैं। और इनकी मात्रा भी अब कम पड़ रही है। जिसकी सारी ज़िम्मेदारी नोडल अधिकारियों ने ली थी और ये भी कहा थी कि वे हर प्रकार की सुविधाओं को सुनिश्चित करेंगे, जो कि नहीं हो पाया है।
इसके अलावा धान खरीदी स्थल में न तो पेयजल की व्यवस्था है, न ही शौचालय की और न ही पार्किंग की। आधी-अधूरी तैयारियों के बीच ही धान भण्डारण किया जायगा। नोडल एजेंसी के अधिकारियों द्वारा न ही इस संबंध में कोई बैठक या समीक्षा की गई, न ही धान से भरे बारदाने नए केंद्रों में पहुंचाए गए। अंततः धान का भण्डारण खुले आसमान के नीचे ही किया जायगा।
वहीं सूत्रों के अनुसार ऐसा भी पता चला है कि पड़ोसी प्रदेश, उत्तर प्रदेश की धान को कुछ दलालों ने सांठगांठ कर खपाने की तैयारी कर ली है। प्रति क्विंटल कम दर पर खरीद यहां 1940 रुपए प्रति क्विंटल बेच दिया जाएगा। यही नहीं गांव में दलाल खेत पहुंचकर मनमाने दाम में धान का उठाव भी कर रहे हैं। दूसरी ओर शासकीय उपार्जन में अभी तक खरीदी की तैयारी ही नहीं दिख रही। फिर चाहे गोदाम हों या फिर सोसायटियां हर जगह मात्र फेंसिंग और थोड़ा बहोत सफाई कर टेंट लगा दिया गया है, शुद्धपेयजल और अन्य सुविधाएं भी न के बराबर हैं। हालांकि प्रशासन का दावा है कि उनकी तैयारी पूरी है।