हाल ही में जनपद पंचायत कोतमा के ग्राम पंचायत खमरौध के ग्रामीणों ने मंगलवार को कलेक्टर को शिकायती पत्र देते हुए पंचायत में हुए भ्रष्टाचार पर कार्यवाही की मांग की है। शिकायत में उल्लेख किया गया की ग्राम पंचायत खमरौध में चल रहे पूर्व से लेकर आज तक में तालाब गहरी करण व मूलक हितग्राही के कार्य
जैसे खेत, तालाब मेढ सुधार कार्यों में सबसे ज्यादा तकनीकी बुद्धि लगाने वाले रोजगार मेट-सहायक सचिव हैं जो पूर्व कामों से लेकर अभी तक अपने पंचायत के मजदूरों को कार्यों से वंचित कर अपने सगे सबंधित व्यक्ति एवं दूसरे पंचायत के व्यक्तियों का नाम नरेगा मस्टर में निकालते है जिसकी राशि को सचिव रोजगार सहायक-मेट सरपंच, उप सरपंच मिलकर बंदरबाँट करते हैं।
बिना कोई मस्टर निकाले ही मेटो के द्वारा मजदूरों को काम में लगा दिया जाता है। जैसे 25 नवंबर, 14 सितमबर, 15 सितमबर और पूछने पर कहते है की हम पंचायत कर्मचारी हैं और जनपद से यह सब आसानी से हो जाता है, यह सब हमारे लिए अब आम सी बात है।
एक ऐसा इलाका जहां पहले से ही लोग बेरोजगारी से ग्रहसित हैं, वहीं जब निर्माण कार्य इनके लिए एक मात्र आय पाने का साधन होता है, लेकिन जब इनके बदले का काम कोई मशीन करे तो?
ऐसा ही कुछ हाल है। ग्राम पंचयत खमरोध में चल रहे निर्माण कार्यों पर मजदूरों से कार्य न कराकर जेसीबी मशीनों का उपयोग किया जाता है। और जो कुछ बचे कुचे काम होते हैं जैसे नाली निर्माण, तालाब गहरीकरण, पुलिया निर्माण कार्य, स्नान घर, नाली सौन्दर्यकरण ये सब भी ठेकेदारी के माध्यम से कराया जाता है। और फिर ठेकेदार से मिलीभगत कर अपने हिसाब से बिल लगाकर पैसों को आपस में बाँट लिया जाता है।
इसके चलते कलेक्टर को शिकायत करते हुए ग्रामवासियों ने उक्त मामले में जांच कर दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कार्यवाही तथा 7 दिवस के भीतर पद से प्रथक कर दूसरी जगह परिवर्तन किए जाने की मांग की है। ऐसा न होने पर 1 सप्ताह के भीतर ग्राम वासियों द्वारा धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
अब देखने वाली बात होगी की आखिर कब तक प्रशासन अपनी नींद से जाग कर, लोगों को हो रही तकलीफों पर ध्यान देगी।