वैसे तो अनूपपुर में जिला कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना द्वारा कई बार जिला अस्पताल परिसर की साफ-सफाई और पार्किंग व्यवस्था के लिए कई बैठके और समीक्षा की जाती है, ताकि अस्पातल में भर्ती मरीजों के स्वास्थ्य से किसी भी प्रकार का कोई समझौता न किया जाए, और इसे सुनिश्चित करने के लिए कई निर्देश भी दिए जाते हैं। लेकिन, अब जो खबर सामने आई हैं, उसमें उनके निर्देशों का जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा पालन नहीं किया जा रहा है।
हाल ही में, अनूपपुर कलेक्टर सोनिया मीना ने जिला अस्पताल के अधिकारियों को कई कड़े निर्देश दिए थे कि अस्पताल परिसर में पार्किंग स्थल में ही वाहन पार्क किये जाने चाहिए, भले ही वो अस्पताल के स्टाफ के वाहन हों या फिर किसी बाहरी व्यक्ति के वाहन। किसी के लिए भी किसी प्रकार की छूट या भेदभाव स्वीकार्य नहीं है। इस बात का सबूत देते हुए खुद जिला कलेक्टर ने अपने वाहन का भी प्रवेश में प्रतिबंध लगाते हुए गार्ड से अंदर वाहन के प्रवेश पर रोक लगाने के लिए निर्देश दिए थे।
किंतु अब जिला अस्पताल में प्रवेश कर रहे किसी भी व्यक्ति द्वारा उनके इस निर्देश का पालन तो दूर, उनकी बात का ज़रा भी मान रखा नहीं जा रहा है। परिसर में वाहनों के प्रवेश में लगाए गए प्रतिबंध के बावजूद जिला अस्पताल परिसर वाहनों की जमघट में तब्दील हो गया है। जिससे एम्बुलेंस के साथ बाहरी चार पहिया कार सहित स्टाफों की बाइक भी शामिल हो गई। सबसे अधिक रात के समय पूरा परिसर ही वाहनों की पार्किंग स्थल में तब्दील नजर आता है। जिसके कारण यहां आपातकालीन एम्बुलेंस वाहनों के साथ जननी एक्सप्रेस वाहनों की आवाजाही भी प्रभावित होती है।
और सबसे ज़्यादा हैरानी की बात तो यह है कि जिम्मेदार अधिकारी इसे हटाने की पहल भी नहीं करते हैं। इन अधिकारियों को कोई चिंता नहीं कि इनकी लापरवाही के कारण यहां एम्बुलेंस के ड्राइवर को मरीज को अस्पताल लाने और वहां से बाहर ले जाने में कितने इंतज़ार और मुसीबतों का सामना करना पड़ता है।
इतना ही जिला प्रबंधक भी अपनी ज़िम्मेदारियों की प्रति ज़रा भी गंभीर नहीं है। ये लोग न तो समय-समय पर सभी व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग करते हैं, न ही सभी सुविधाओं को नियमित रूप से सुनिश्चित करते हैं। इस कारण फिर से अस्पताल परिसर में गंदगी का जमवाड़ा देखने को मिल रहा है। पानी निकास के लिए बनाई गई नालियां भी बदहाल होकर रुकी पड़ी है, जिस कारण इससे बहुत बदबू भी आती है जिससे पूरा अस्पताल परेशान है। किंतु इस समस्या के ऊपर भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा।
सीएमएचओ और स्वास्थ्य विभाग को इस मामले पर जल्द से जल्द कोई सख्त कदम उठाना चाहिए, वरना गंदगी के कारण यहां के मरीज ठीक होने की बजाय और बीमार पड़ सकते हैं। साथ ही, जिला कलेक्टर के निर्देशों का पालन न करने वालों के ऊपर भी कड़ी कार्यवाई और पार्किंग की समस्या को लेकर भी कड़े कानून बनाने चाहिए।