दुर्दशा, अब यह शब्द भी रोज़ इस्तेमाल होने वाला लगता है, क्यूंकी आए दिन इन हालातों पर बात की जाती है लेकिन फिर भी कोई सुधार होता हुआ नजर नही आता। आज बात हो रही है नगर के वार्ड क्रमांक 9 में संचालित पशु अस्पताल की जो अपनी दुर्दशा पर आँसू बहाते हुए नज़र आने लगा है। सुविधा का केवल नाम ही नाम गूँजता है, और स्टाफ की कमी अलग से, जिससे आमजन को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अस्पताल की सुरक्षा भी नही हो पाती है, रात के अंधेरे में असामाजिक तत्व अस्पताल परिसर के अंदर बैठकर नशाखोरी भी करते हैं, कई बार विभाग के अधिकारियों के द्वारा पत्राचार भी किया गया लेकिन आजतक ध्यान नही दिया गया।
एक बाउन्ड्री वाल के बिना कोई भी निर्माण कार्य अधूरा है। इसके न होने की वजह से कितनी मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है इसका जायजा लगाया जा सकता है। असामाजिक तत्वों का आए दिन प्रवेश होता रहता है। उनके द्वारा अंधेरे में बैठकर नशाखोरी की जाती हैं। बाउन्ड्री वाल न होने की वजह से कई बार चोरी की घटनाएँ भी सामने निकल करके आई है।
अब आखिर कितनी बार, आम जनता अपने मौलिक अधिकारों के लिए प्रशासन के समक्ष यूं भीक मांगती रहेगी? आखिर कब तक प्रशासन अपनी कुम्भ करणीय नींद से जागेगी? आखिर कब तक प्रशासन को यह याद दिलाना होगा की उनका धर्म ही लोगों की मुसीबतों को हल करना है? यूं तो आए दिन निरीक्षण करते रहते हैं, लेकिन बात जब असल में कुछ करने की आती है तो अक्सर प्रशासन अपने वायदों से भटकती हुई नजर आने लगती है। इन व्यवस्थाओं का जायजा लेने का किसी के पास समय नही है। क्या इस प्रकार तरक्की के पथ पर आगे बढ़ेगा कोतमा जिला? विषय चिंता जनक है और हो भी क्यूँ न, निर्माण कार्यों का जो ठेरा। जो हर आम व्यक्ति की जरूरत है।
इस विषय पर वोकल न्यूज शहडोल ने पहले भी एक नजर डाली थी लेकिन आज महिना भर हो चुका है फिर भी किसी का ध्यान इस ओर नही उमड़ा। उम्मीद यही होगी की प्रशासन जल्द से जल्द अपनी नींद से जागे और लोगों को हो रही मुसीबतों का जायजा ले।