आय-दिन ग्रामीणों और जिला वासियों द्वारा सरकार द्वारा संचालित योजनाओं और निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार किए जाने की खबरें सामने आती रहती है। और अब ये बहुत आम-सी बात हो गई है, जिससे सारा प्रशासन शर्मसार हुआ है।
शहडोल सहित कई अन्य जिलों में गरीबों के हित में कई योजनाएं संचालित की जाती है, जैसे कि रोजगार प्रदान करने के कार्यक्रम, मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम और आवास निर्माण।
किंतु कुछ अधिकारियों के कारण गरीबों को इन सभी योजना और परियोजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता। क्योंकि इन अधिकारीयों को योजनाओं के सुचारु संचालन के लिए जो राशि आवंटित की जाती है, उसे वे अपने स्वार्थ के लिए इस्तेमाल करते हैं, न की गरीबों की खुशहाली के लिए।
ऐसे भ्रष्टाचार करने वालों के प्रति शहडोल संभाग के कमिश्नर राजीव शर्मा ने पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग की बैठक में जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार पर तत्काल रोक लगाए। साथ ही, उन्होंने चेतावनी देते हुए भी कहा कि ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार की शिकायतें मिलने पर संबंधित जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायगी।
किंतु ऐसे निर्देश तो कई बार प्रशासन द्वारा अधिकारियों को दिए जाते हैं, किंतु कुछ समय के खौफ के बाद ही इन अधिकारियों का ये भ्रष्टाचार करने का खेल दोबारा शुरू हो जाता है, जिसमें हर बार की तरह गरीब आदमी ही पिस्ता है।
ज़रूरत है कि ऐसे भ्रष्टाचार वाले मामलों की जड़ तक जाया जाए और पता किया जायगा कि आखिर इतने कड़े निर्देश और कानून के बावजूद भ्रष्टाचार के मामले कम क्यों नहीं हो रहे हैं?
साथ ही, भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारी और कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करना चाहिए ताकि आगे किसी की भी ऐसा करने की हिम्मत न हो।
साथ ही प्रशासन को समय-समय पर ये बात सुनिश्चित करनी चाहिए कि हर आमजन को सभी प्रशासनिक योजनाओं का लाभ मिले, और हर एक गरीब व्यक्ति की ज़िन्दगी को बहतर और खुशहाल बनाया जाए।