शहडोल जिले के ग्रामीण इलाके सोहागपुर, गोहपारू, ब्यौहारी, जयसिंहनगर और बुढ़ार क्षेत्र के विकास के लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा संचालित योजना ग्रामीण आजीविका मिशन, मनरेगा पीएम आवास योजना, मध्यान भोजन और स्वच्छ भारत मिशन जैसी योजना गांव के विकास एवं प्रगति के लिए हैं। और इसके कार्य विकास के हिसाब से मासिंग ग्रेड भी रखा गया था। लेकिन किसी भी जनपद पंचायत को ए ग्रेड नहीं मिला।
विभागीय योजना के आधार पर की गयी पंचायतों की ग्रेडिंग में सोहागपुर और गोहपारू को बी ग्रेड में रखा गया और वहीं ब्यौहारी, जयसिंहनगर और बुढ़ार सी ग्रेड में ही सिमटा रहा। इससे ये पता चलता है की ग्रामीण इलाकों की विकास की स्थिति कैसी है। और इस वजह से मजदूरों को भी रोजगार नहीं मिला जिससे इसका प्रभाव उनके निजी जिंदगी में पड़ रहा है।
जिले में नवंबर महीने में 1 लाख 61 हजार 569 मजदूरों को काम देने का लक्ष्य रखा गया था। जिसमें से सिर्फ 1 लाख 10 हजार 53 मजदूरों को ही काम में रखा गया और 30 फीसदी मजदूरों को एक भी दिन के लिए नहीं दिया गया रोजगार। और इन सब की वजह पंचायत के सरपंचों की है वर्ष 2016 से 2020 के बीच में आवास योजना का कार्य अब तक पूरा नहीं किया गया है, 77 हजार 465 आवास घरों के लिए स्वीकृति दी गयी थी जिसमे से सिर्फ 65 हजार 512 आवास मकान ही बन पाए।
मजदूर एवं ग्रामीणों ने मिलकर इसकी शिकायत जिले के कलेक्टर से की। तब कलेक्टर वंदना वैध ने तुरंत मामले की जांच की और जनपद सीईओ को नोटिस जारी किया और कहा की जल्द से जल्द नोटिस का जवाब दिया जाये की अब तक पांच वर्षो का पीएम आवास योजना और ग्रामीण विकास के लिए लागू की गयी योजना का कार्य अभी तक पूरा क्यों नहीं हुआ। और जितने मजदूरों को रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया था उनमें से 30 फीसदी मजदूरों को रोजगार क्यों नहीं दिया गया।
अब देखना यह है की कलेक्टर द्वारा जारी की गयी नोटिस का जवाब कब तक गांव के सरपंच देते है। जनपद पंचायत के सरपंच ने इतने छोटे छोटे गांवों का विकास कार्य करने में इतना समय क्यों लगा दिया। या फिर प्रशासन ही कार्य के लिए फंड नहीं दे रही है। जिस वजह से गांव का विकास कार्य रुका हुआ है।