अनूपपुर जिले के कोतमा क्षेत्र जमुना कालरी में अस्पतालों की स्थिति बत से बत्तर हो गयी है कालरी में काम करने वाले एसईसीएल कर्मचारीयों का इलाज सही ढंग से नहीं हो पा रहा है अस्पतालों में ना तो दवा, इंजेक्शन और सिरिंज है और ना ही साफ सफाई जैसी कोई व्यवस्था। केवल जमुना कालरी नहीं बल्कि सभी जगह के अस्पतालों का यही हाल है।
कोतमा क्षेत्र के जमुना कालरी में काम करने वाले कर्मचारियों ने बताया की सिरिंज,दवा तक डॉक्टर बहार से मंगवाते है एक ओर देश की सरकार जितने भी एसईसीएल में काम करने वाले कर्मचारी है उनका इलाज मुफ्त में कराती है और वहीं क्षेत्रीय अस्पतालों में कोई समुचित व्यवस्था ही नहीं है। शर्म की बात यह है की अस्पताल में इंजेक्शन लगाने के लिए सिरिंज तक नहीं है।
जबकि हर महीने लाखों रूपये कालरी प्रबंधक को दवा, साफ सफाई और रख रखाव आदि के लिए मिलता है लेकिन उसके बाद भी इलाज के लिए कोई व्यवस्था ही नहीं है, उन्हें खुद अपने पैसों से इलाज करना पड़ता है।
क्षेत्रीय अस्पताल के पदस्थ डॉक्टरों ने श्रमिक संगठन भारतीय मजदूर संघ बीएमएस के महामंत्री संजय सिंह को यह बताया की कालरी प्रबंधन पैसे ही नहीं देती है जिससे अस्पताल में इलाज के लिए सही ढंग से व्यवस्था की जाये और इलाज के दौरान कोई दिक्कते ना हो।
उसके बाद संजय सिंह ने क्षेत्र के महाप्रबंधक सुधीर कुमार एसईसीएल के डायरेक्टर पर्सनल और सीएमडी बिलासपुर और कोल इंडिया के चेयरमैन और कोयला मंत्री को जाँच करने का आदेश दिया और मामले की जाँच में दोषी पाये जाने पर कार्यवाही करने को कहा।
आखिर कब तक इस तरह की लापरवाही होती रहेगी और लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ किया जायेगा। अब देखना यह है की कब तक इसकी जांच शुरू की जाती है या फिर ऐसे ही इलाज के लिए मरीजों का परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।