देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार की रात को देश को लगभग 14 मिनट 21 सेकंड तक संबोधित किया और कई महत्वपूर्ण बातों को लेकर एलान भी किए। जिसमें से आज हम उनके द्वारा बूस्टर डोज़ या यूं कहले कि प्रिकॉशन डोज़ से जुड़े आपके मन में उठ रहे कुछ सवालों का जवाब देंगे।
बता दें कि सरकार 10 जनवरी से कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज़ या प्रिकॉशन डोज़ देने जा रही है। शुरुआत में ये वैक्सीन की तीसरी डोज़ केवल फ्रंटलाइन वर्कर्स, हेल्थकेयर वर्कर्स और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे 60 साल से ऊपर के बुजुर्गों को ही दी जायगी। तो आप सोच रहे होंगे कि कितने गैप से यह तीसरी डोज़ लगाई जायगी? इसे लगवाने के लिए क्या महत्वपूर्ण चीजों का ध्यान रखना होगा? कौन-सी वैक्सीन इसके लिए रहेगी? क्यों ये तीसरी वैक्सीन लगाई जा रही है? आदि, तो चलिए आज हम आपके कुछ इन्हीं सवालों का जवाब देते हैं।
सबसे पहले ये डोज़ कोरोना से सीधी और बेखौफ़ होकर लड़ाई लड़ रहे फ्रंटलाइन वर्कर्स और हेल्थकेयर वर्कर्स को यह प्रिकॉशन डोज़ लगाई जाएगी, जिनकी वर्तमान में 3 करोड़ की ज़्यादा से संख्या है। इनके अलावा 60 साल का व्यक्ति जिसे गंभीर शारीरिक बीमारियां है, उसे यह प्रिकॉशन डोज़ लगाई जायगी ताकि उसको इस महामारी से बचाया जा सके। हालांकि, बुजुर्गों के लिए यह वैकल्पिक है।
60 साल से ऊपर के सिर्फ उन्हीं बुजुर्गों को तीसरी डोज़ लगाने का विकल्प है, जो किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के सीईओ डॉ. आरएस शर्मा ने मीडिया को बताया कि प्रिकॉशनरी डोज़ के लिए ‘कोमोरबिडिटी सर्टिफिकेट’ जरूरी होगा। अगर आपको डायबिटीज, कैंसर, सांस लेने में दिक्कत, कार्डियोवास्कुलर डिसीज जैसी गंभीर बीमारी है तो आप तीसरी डोज़ ले सकते हैं।
अब सवाल ये है कि आखिर तीसरी डोज़ की आवश्यकता ही क्यों पड़ी? दरअसल, दुनियाभर के वैज्ञानिक यह चेतावनी दे चुके हैं कि कोरोना के खिलाफ वैक्सीन से बनी इम्युनिटी कुछ महीनों बाद कम होने लगती है। ऐसे में वैक्सीन की बूस्टर डोज जरूरी है। कोरोना के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट ने इसकी जरूरत और बढ़ा दी है, क्योंकि नया वैरिएंट वैक्सीनेटेड को भी शिकार बना रहा है।
वहीं अगर आप सोच रहे हैं कि कितने अंतर से यह तीसरी डोज़ लगेगी तो बता दें कि अभी तक सरकार की ओर से इसे लेकर अभी गाइडलाइंस जारी नहीं हुई है। हालांकि, जानकारी के अनुसार दूसरी और तीसरी डोज़ के बीच 9 से 12 महीने का अंतर हो सकता है। यानी 10 जनवरी से उन्हें ही तीसरी डोज़ लगाई जाएगी, जिन्होंने इस साल जनवरी से मार्च के बीच दूसरी डोज़ ली होगी।
अब आप यह सोच रहे होंगे कि तीसरी डोज़ के लिए कोरोना से बचाव के लिए बनाई गई कौन-सी वैक्सीन लगाई जाएगी या कोई अलग वैक्सीन इसके लिए बनाई गई है? तो आपको बतादें कि एक्सपर्ट का मानना है कि तीसरी डोज़ अलग वैक्सीन की होनी चाहिए। जैसे अगर पहली दो डोज़ कोवैक्सीन की लगी है तो तीसरी डोज़ कोविशील्ड की लगनी चाहिए। इसी तरह अगर पहली दो डोज़ कोविशील्ड की लगी है तो तीसरी डोज़ कोवैक्सीन की लगे। हालांकि, सरकार की ओर से अभी मिक्स वैक्सीन की बात नहीं कही गई है। इसलिए अभी यही माना जा रहा है कि जिस व्यक्ति को जिस वैक्सीन की पहली दो डोज़ लगी होगी, उसी वैक्सीन की तीसरी डोज़ लगाई जाएगी।
इस तीसरी डोज़ का सर्टिफिकेट भी आपको वैसे ही मिलेगा जैसे पहली दो डोज़ों का मिला था। और याद रहे, कि अगर आप एक साधारण व्यक्ति है और 60 साल से कम आयु के व्यक्ति है तो अभी आपको यह डोज़ नहीं लगाई जाएगी। उम्मीद है, इस आर्टिकल के माध्यम से आपके मन में तीसरी डोज़/प्रिकॉशन डोज़ को लेकर उठ रहे सवालों के कुछ जवाब हमने दे दिए हों।