बिजुरी नगर पालिका में साल 2016 में मुख्यमंत्री शहरी नल जल योजना के तहत 18 करोड़ रु की लागत से जल आपूर्ति का काम शुरू किया गया था लेकिन 5 साल पूरा होने के बाद भी जल आपूर्ति का काम अभी तक सम्पूर्ण नहीं हुआ है। बिजुरी नगर पालिका में बारिश के बाद जल स्तर में भारी गिरावट आती है और नगर पालिका को टैंक के माध्यम से जल की पूर्ति करनी पड़ती है और ज्यादा गर्मी पड़ने पर हालत और बद्दतर हो जाती है यही नहीं हैंडपंप और बोरिंग मशीन भी पानी देना बंद कर देते है और सिर्फ गर्म हवा फेंकते रहते हैं।
मुख्यमंत्री नल जल योजना का काम कोलकाता के फर्म को दिया गया था और काम 2 साल पहले ही पूरा हो जाना था लेकिन अभी तक काम संपन्न नहीं हुआ है। नगर पालिका ने इस सम्बन्ध में ठेकेदार को 3 बार नोटिस भी जारी किया लेकिन काम में कोई तेजी नहीं आयी है और काम लगातार धीमी गति से हो रहा है जिसका खामियाजा बिजुरी के लोगों को उठाना पड़ता है। इस विषय में कोतमा विधायक को भी सूचित किया गया है फिर भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
योजना के तहत 46 किलोमीटर लम्बी पाइपलाइन, 3 ओवरहेड टैंक, इंटक वेल के साथ फ़िल्टर प्लांट के निर्माण का काम 2 साल में पूरा हो जाना चाहिए था लेकिन अभी तक सिर्फ 14 किलोमीटर पाइप लाइन का ही विस्तार किया गया है इसके साथ 2 ओवरहेड टैंक और इंटक वेल का निर्माण किया गया है।
जल आपूर्ति के लिए पहले डोला में बंद पड़ी खदानों में एकत्रित वर्षा जल को पाइप लाइन के माध्यम से नगर तक पहुंचाने की योजना बनाई गयी थी लेकिन लोगों के विरोध के बाद योजना में परिवर्तन कर अब केवई नदी का पानी सप्लाई करने की योजना तैयार की गयी है। योजना के तहत 8000 घरों तक नल जल कनेक्शन का लक्ष्य रखा गया है जिसमे केवई नदी तक 23 किलोमीटर की पाइपलाइन का विस्तार किया जायेगा। नदी में इंटक वेल के साथ बैराज निर्माण किया जाना है जिसके लिए परियोजना का पुनरीक्षित काम की योजना बनाई गई है जिसके लिए 24 करोड़ के बजट की मांग की गयी है। अभी तक नगर पालिका को राशि आबंटित नहीं की गयी है जिसके कारण नल जल योजना बीच भंवर में अटकी है।
नल जल योजना की शुरुआत 5 साल पहले की गयी थी लेकिन ठेकेदार की ढिलाई की वजह से 2 साल पहले पूरा होने वाला काम अभी तक अटका पड़ा है और इस पूरे मामले में कोई कार्रवाई नही की जा रही है। जिसकी वजह से नगर के लोग किल्लत का सामना कर रहे है अब देखना ये होगा की 2 साल में पूरी हो जाने वाली योजना का लाभ नगर के लोगों तक कितने सालों में पहुँचता है।