केरल लगातार चौथी बार स्वास्थ्य संकेतकों में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला राज्य बना रहा। सोमवार को जारी एक सूचकांक के अनुसार, इस रिपोर्ट में रैंकिंग में सबसे नीचे उत्तर प्रदेश को स्थान दिया गया, हालांकि इस राज्य ने भी सबसे अधिक प्रगति देखी। 2019-2020 के बीच चौथे संस्करण के लिए नीति आयोग, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और विश्व बैंक द्वारा संकलित “द हेल्दी स्टेट्स, प्रोग्रेसिव इंडिया” रिपोर्ट में 19 बड़े राज्यों, आठ छोटे राज्यों और सात केंद्र शासित प्रदेशों का सर्वेक्षण किया गया। पर्याप्त डेटा की अनुपलब्धता के कारण इसमें पश्चिम बंगाल और लद्दाख को शामिल नहीं किया गया था।
बड़े राज्यों में, केरल और तमिलनाडु सूची में सबसे ऊपर हैं, और तेलंगाना स्वास्थ्य परिणामों और वृद्धिशील प्रदर्शन में तीसरे स्थान पर मजबूत हुआ है। तेलंगाना ने पिछली बार चौथे स्थान से सुधार देखा है और यह ये दर्शाता है कि इसने बच्चों के सार्वभौमिक टीकाकरण को सुनिश्चित करके अपने स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में सुधार करने में प्रगति की है, पूरी तरह कार्यात्मक प्रथम रेफरल यूनिट यानि एफआरयू और सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) की स्थापना की है।
केरल को 82.2 अंक और यूपी को 30.57 – 51.63 अंक का अंतर मिला, जो पिछले सूचकांक 56.54 से अच्छा है। सर्वेक्षण में नवजात मृत्यु दर, पांच साल से कम उम्र की मृत्यु दर, जन्म के समय लिंग अनुपात, मातृ मृत्यु अनुपात, आधुनिक गर्भनिरोधक प्रसार दर, पूर्ण टीकाकरण कवरेज, प्रसवपूर्व देखभाल, टीबी की पहचान और इलाज आदि जैसे संकेतकों पर राज्यों को स्थान दिया गया है। नवजात मृत्यु दर और पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर सहित कई श्रेणियों में केरल सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला राज्य है।
अब आपको देश के कुछ और बड़े राज्यों की रैंकिंग और प्रदर्शन के बारे में भी बताते हैं-
महाराष्ट्र ने रैंकिंग में अपना पांचवां स्थान इस बार भी बरकरार रखा, और आंध्रप्रदेश चौथे स्थान पर रहा, जो पिछले सूचकांक में तीसरे स्थान पर था। उत्तर प्रदेश सबसे निचले स्तर पर 19वें स्थान पर था, लेकिन इस राज्य में हाल ही के सालों में 33 स्वास्थ्य संकेतकों में बड़ा सुधार देखने को मिला है। सबसे कम ओवरॉल रिफरेन्स ईयर (2019-20) के साथ उत्तर प्रदेश ओवरॉल रिफरेन्स प्रदर्शन में सबसे नीचे 19वीं रैंक पर रहा।
यूपी की तरह, असम को भी सूची में सबसे नीचे रखा गया, लेकिन इधर भी स्वास्थ्य सूचकांकों में सुधार देखने को मिला है। मृत्यु दर और मातृ मृत्यु दर जैसे मानदंडों में प्रगति के साथ यह नवीनतम रिपोर्ट में 15वें से 12वें स्थान पर पहुंच गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि राजस्थान, ओवरॉल प्रदर्शन और वृद्धिशील प्रदर्शन में कम स्कोर के साथ नीचे से तीसरे स्थान पर है। छोटे राज्यों में मिजोरम सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला और नागालैंड सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला राज्य रहा।
दिल्ली और जम्मू व कश्मीर ओवरॉल प्रदर्शन में केंद्र शासित प्रदेशों में सबसे निचले स्थान पर रहे, लेकिन वृद्धिशील प्रदर्शन में सूची में सबसे ऊपर थे। सर्वेक्षण के पिछले संस्करण की तुलना में दोनों में एक स्थान का सुधार हुआ है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बड़े राज्यों में, सबसे अच्छे और सबसे खराब प्रदर्शन करने वालों के बीच का अंतर इस साल 2018-19 के सूचकांक की तुलना में कम हुआ है।
गरीबी के समान स्तर वाले कई राज्यों ने स्वास्थ्य सूचकांक में बेहतर प्रदर्शन किया है जो दर्शाता है कि आय से परे कारक स्वास्थ्य क्षेत्र के प्रदर्शन को निर्धारित करते हैं। उदाहरण के लिए, तेलंगाना ने स्वास्थ्य सूचकांक में हरियाणा या जम्मू और कश्मीर की तुलना में गरीबी के समान स्तर के बावजूद काफी बेहतर प्रदर्शन किया। दूसरी ओर, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और बिहार जैसे राज्यों में स्वास्थ्य सूचकांक का समान स्तर का प्रदर्शन गरीबी के स्तर में काफी अलग-अलग रहा।