दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में कुछ समय के निलंबन के बाद ओपीडी सेवाएं बहाल हुई। एक ओर जहां दिल्ली के प्रमुख सरकारी अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर NEET-PG काउंसलिंग आयोजित करने में देरी के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी में धरना दे रहें हैं, वही मंगलवार को यहाँ के डॉक्टर्स ने मरीजों को देखना शुरू कर दिया।
बता दें कि नीट-पीजी काउंसलिंग में हो रही देरी का विरोध कर रहे रेजिडेंट डॉक्टरों से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को जनहित में हड़ताल वापस लेने का आग्रह किया था। विरोध करने वाले डॉक्टरों पर पुलिस की कार्रवाई के एक दिन बाद डॉक्टर मंडाविया ने आज निर्माण भवन में डॉक्टर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधियों से मुलाक़ात की।
दिल्ली के मुख्य सरकारी अस्पतालों से डॉक्टर्स की 13 सदस्यीय टीम केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री के साथ बैठक में मौजूद रहीं। बैठक के बाद भी डॉक्टर्स यही कह रहे है की वह तब तक अपना धरना प्रदर्शन नहीं रोकेंगे जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं की जाती। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा की 6 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में इस सम्बन्ध में सुनवाई होनी है, उसी के कारण यह काउंसलिंग करवाने में देरी हो रही है। उन्होंने जल्द से जल्द काउंसलिंग कराने का आश्वासन दिया।
इसके पहले इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने प्रधानमन्त्री मोदी को एक पत्र लिखकर अपनी समस्याओं से अवगत कराया था। डॉक्टर्स का कहना है की कोरोना की तीसरी लहर की संभावना को ध्यान में रखते हुए और ऐसे वक्त में अधिक से अधिक डॉक्टर्स की उपलब्धता संभव हो सके, इस लिए नीट-पीजी की काउंसलिंग को और अधिक टाला नहीं जाना चाहिए।
इस बीच हड़ताल के चलते लोगो को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लोग अपने परिजनो का इलाज कराने अस्पतालों के चक्कर काट रहें हैं। हालांकि वरिष्ठ डॉक्टर्स के काम शुरू करने से संभव है की हालातो में कुछ सुधार देखने को मिले।