देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामले ने एक बार फिर चिंता बढ़ा दी है. कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रोन ने संक्रमण की रफ्तार तेज कर दी है. देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 13 हजार से ज्यादा नए मामले रिपोर्ट हुए हैं. वहीं, देश की राजधानी दिल्ली समेत महाराष्ट्र और केरल में कोरोना वायरस के बढ़ते मामले एक बार फिर से डराने लगा है। अब ऐसी हालत में यह बहुत जरूरी है की आप पहले स्टेज में ही यह पता कर लें की कहीं आप कोविड पाज़िटिव तो नही हैं।
लगातार खांसी आना- इस कारण लगातार खांसी हो सकती है यानी आपको एक घंटे या फिर उससे अधिक वक्त तक लगातार खांसी हो सकती है और 24 घंटों के भीतर कम से कम तीन बार इस तरह के दौरे पड़ सकते हैं.
बुख़ार- इस वायरस के कारण शरीर का तापमान 37.8 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है जिस कारण व्यक्ति का शरीर गर्म हो सकता है और उसे ठंडी महसूस हो सकती है.
गंध और स्वाद का पता नहीं चलना- विशेषज्ञों का कहना है कि बुख़ार और खांसी के अलावा यह भी वायरस संक्रमण का वह संभावित महत्वपूर्ण लक्षण हैं जिन्हें नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए. आपको किसी चीज़ का स्वाद या गंध नहीं आएगी, या फिर आपको ये नॉर्मल से अलग लगेंगे.
डेल्टा जैसे नए वेरिएंट्स से संक्रमित लोगों में खांसी, गले में ख़राश या बहती नाक जैसे दूसरे लक्षण होने की संभावना ज़्यादा है। अगर किसी को भी लगता है कि उन्हें कोविड हो सकता है तो उन्हें टेस्ट करवाना चाहिए। ऐसे में अगर आप या आप जिन लोगों के साथ रहते हों उनमें किसी में ये लक्षण हों तो तुरंत टेस्ट कराना चाहिए और घर में ही खुद को सेल्फ़ आइसोलेट करना चाहिए ताकि ये संक्रमण दूसरों तक नहीं पहुंचे। संक्रमण होने के बाद लक्षण दिखने में औसतन पांच दिन का वक़्त लग सकता है। कोरोना से संक्रमित होने वाले कुछ लोगों को पैर की उंगलियों पर घाव जैसे हो जाते हैं, जो दिखने में कुछ वैसे होते हैं जैसे ठंड की वजह से हाथ-पैर पर होने वाले लाल चकत्ते. ये किसी के भी साथ हो सकता है, लेकिन बच्चों और किशोरों में ज़्यादा आम है। कुछ लोगों को इसमें दर्द नहीं होता, लेकिन चकत्तों में काफी दर्द और खुजली हो सकती है। ये वायरस से लड़ने के लिए शरीर के अटैक मोड में जाने का एक साइड इफेक्ट प्रतीत होता है। अब बढ़ते हैं कुछ अहम प्रश्नों की ओर जैसे
अगर मुझे खांसी है, तो क्या निश्चित रूप से कोविड है?
फ्लू और कई अन्य संक्रमण की वजह बनने वाले कई वायरस के लक्षण भी कोविड जैसे ही होते हैं. सर्दी के मौसम में अक्सर खांसी की समस्या होने लगती है, क्योंकि तब ये कीट ज़्यादा सक्रिय हो जाते हैं। पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड के मुताबिक़, जिन लोगों में कोविड के तीन मुख्य लक्षणों में से एक होता है, उनमें से आधे से कुछ कम में खांसी का लक्षण देखने को नहीं मिलेगा। हालांकि, फिर भी उन्हें टेस्ट कराना चाहिए।
अगर मुझे कोविड है तो क्या करना चाहिए?
अगर आपका टेस्ट पॉज़िटिव आता है तो आपको लक्षण शुरू होने के वक़्त से कम से कम 10 दिन के लिए ख़ुद को घर में सेल्फ-आइसोलेट कर लेना चाहिए। आपको अपने घर के दूसरे सदस्यों से दूर रहना चाहिए. घर के दूसरे लोगों को भी कम से कम 10 दिन के लिए ख़ुद को सेल्फ-आइसोलेट कर लेना चाहिए। कुछ लोगों में सिर्फ हल्के लक्षण होंगे, जिन्हें पेरासिटामोल जैसी दर्द निवारक, आराम करके और बहुत सारा तरल प्रदार्थ लेकर मैनेज किया जा सकता है.
कब होती है अस्पताल में भर्ती होने की ज़रूरत?
जिन लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण है उनमें से अधिकतर लोग आराम करने और पैरासिटामॉल जैसी दर्द कम करने की दवा लेने से ठीक हो सकते हैं। अस्पताल में भर्ती होने की ज़रूरत तब होती है जब व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत आनी शुरू हो जाए. मरीज़ के फेफड़ों की जांच कर डॉक्टर इस बात का पता लगाते हैं कि संक्रमण कितना बढ़ा है और क्या मरीज़ को ऑक्सीजन या वेंटिलेटर की ज़रूरत है। कोरोना वायरस संक्रमण के कारण वृद्ध और पहले से ही सांस की बीमारी (अस्थमा) से परेशान लोगों, मधुमेह और हृदय रोग जैसी परेशानियों का सामना करने वालों के गंभीर रूप से बीमार होने की आशंका अधिक होती है. महिलाओं के मुक़ाबले पुरुषों के इस वायरस से जान गंवाने की आशंका थोड़ी ज़्यादा होती है। लेकिन इसमें मरीज़ को अस्पताल के आपात विभाग यानी ऐक्सीडंट एंड इमर्जेंसी में भर्ती होने की ज़रूरत नहीं होती।
अगर कोरोना के माइल्ड लक्षण हों तो क्या करें
जिन लोगों को कोरोना के माइल्ड लक्षण हों उन्हें खुद को सात दिनों के लिए घर में ही सेल्फ़ आइसोलेट कर लेना चाहिए। विशेषज्ञों की सलाह के मुताबिक कोरोना के माइल्ड लक्षण दिखने पर सीधे अस्पताल जाने से बचना चाहिए. लेकिन ज़रूरत पड़ने पर चिकित्सकों से संपर्क कर सकते हैं।
ख़ुद को कोरोना वायरस से कैसे बचाएं?
कोरोना वायरस यानी ‘कोविड 19’ से बचने के लिए आप नियमित रूप से अपने हाथ साबुन और पानी से अच्छे से धोएं। जब कोरोना वायरस से संक्रमित कोई व्यक्ति खांसता या छींकता है तो उसके थूक के बेहद बारीक कण हवा में फैलते हैं. इन कणों में कोरोना वायरस के विषाणु होते हैं। संक्रमित व्यक्ति के नज़दीक जाने पर ये विषाणुयुक्त कण सांस के रास्ते आपके शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। अगर आप किसी ऐसी जगह को छूते हैं, जहां ये कण गिरे हैं और फिर उसके बाद उसी हाथ से अपनी आंख, नाक या मुंह को छूते हैं तो ये कण आपके शरीर में पहुंचते हैं। ऐसे में खांसते और छींकते वक्त टिश्यू का इस्तेमाल करना, बिना हाथ धोए अपने चेहरे को न छूना और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचना इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं।
ओमीक्रॉन वेरिएंट का डर दुनियाभर में फैल गया है। विशेषज्ञ टीकाकरण होने के बाद भी इसके लक्षणों को पहचानने और सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। उम्मीद यही होगी की आप सभी सुरक्षित होंगे और सारे नियमों का पालन कर रहे होंगे।