नीट-पीजी काउंसलिंग में ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) कोटा मामले में दायर याचिका पर गुरुवार को फिर सुप्रीम कोर्ट में फिर सुनवाई शुरू हुई. इस मामले में फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) की तरफ से भी अर्जी दी गई है. फोर्डा की ओर से कहा गया कि काउंसलिंग जल्द से जल्द शुरू करने की आवश्यकता है क्योंकि हम चिकित्सा कार्यबल की रीढ़ हैं. जमीनी स्तर पर जब कोविड की तीसरी लहर दरवाजे पर दस्तक दे रही है, हमें मैदान में डॉक्टरों की जरूरत है. इस पर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि यह सिर्फ डॉक्टरों की नहीं बल्कि देश की चिंता है. आपकी चिंता को बेंच ने भी साझा किया है.
रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के लिए सलाहकार अपूर्व करोल ने कहा कि 33 प्रतिशत कार्यबल काम पर नहीं गए हैं और जो काम कर रहे हैं वे भी ओमिक्रॉन के कारण अत्यधिक प्रभावित हो रहे हैं. जो भी फैसला लिया जाए, उसमें तेजी लाई जानी चाहिए।
अब क्या कहना है याचिकर्ताओं के वकील अरविंद दातार का? उन्होंने कहा की “8 लाख की सीमा ज्यादा है और मनमानी है. उनको फायदा होगा, जो आर्थिक रूप से कमजोर नहीं हैं. जब वे क्रीमी लेयर को बाहर कर रहे हैं तो 8 लाख कैसे जायज है? वे कह रहे हैं कि उम्मीदवारों को घर पंजीकरण दस्तावेज/आय, संपत्ति प्रमाण पत्र दिखाने की जरूरत है. उम्मीदवारों को इतनी जल्दी सूचना पर दस्तावेज कहां से प्राप्त होंगे? वे पूरे देश पर एक फार्मूला थोपने की कोशिश कर रहे हैं जिसका कोई औचित्य नहीं है. सिंहो समिति की रिपोर्ट में विस्तृत अध्ययन किया गया था. आज की काउंसलिंग के लिए सिंहो कमेटी की रिपोर्ट के तहत वर्तमान में मौजूद फॉर्मूला लागू किया जाए. अगले साल नए EWS मानदंड पर विचार किया जा सकता है।
इस मामले में सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता ने कहा, “आंकड़ों की बात करते समय मुझे स्कॉटिश कवि की बात याद आ जाती है- कि आंकड़ों का उपयोग करना एक शराबी की तरह है, जो लैंप पोस्ट का उपयोग रोशनी से ज्यादा सपोर्ट के लिए करता है. अदालत को एक अलग दृष्टिकोण लेने की आवश्यकता नहीं है. जब हम एक अभ्यास में बैठते हैं, तो हमेशा एक बुद्धिमान सूचित विवेक होगा जो एक विकल्प लाएगा।
पूरी दुनिया में भारत एक ऐसा देश है, जहाँ आरक्षण व्यवस्था (Reservation System) लागू है | इस व्यवस्था के अंतर्गत अभी तक आरक्षण सुविधा का लाभ सिर्फ एससी (Scheduled Caste-SC), एसटी (Scheduled Tribe-ST) एवं ओबीसी (Other Backward Classes) के लोगों को दिया जा रहा था | इस आरक्षण को लेकर सामान्य वर्ग (General Class) के लोग आर्थिक आधार पर रिजर्वेशन की मांग काफी लंबे समय से करते आ रहे थे, जिसे केंद्र सरकार नें वर्ष 2019 में लागू कर दिया। अब देश में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी के अलावा सामान्य वर्ग के लोग आरक्षण का लाभ प्राप्त कर सकते है | हालाँकि सामान्य वर्ग के लोगो को आरक्षण का लाभ प्राप्त करनें के लिए उन्हें ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट बनवाना होगा |EWS का फुल फॉर्म “Economically Weaker Sections” होता है | हिंदी भाषा में इसका अर्थ आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग होता है | ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र लगभग इनकम सर्टिफिकेट की भांति ही होता है, जो आपकी आर्थिक स्थिति को प्रदर्शित करता है।
ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट (EWS Certificate) केंद्र सरकार द्वारा सामान्य वर्ग के अंतर्गत आर्थिक रूप से कमजोर लोगो को 10% आरक्षण का लाभ देने की सुविधा है | जिस प्रकार एससी (SC), एसटी (ST) और ओबीसी वर्ग के लोगो को आरक्षण का लाभ प्राप्त करनें के लिए उन्हें जाति प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है, ठीक उसी प्रकार सामान्य वर्ग के लोगो को आरक्षण का लाभ लेने के लिए ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट (EWS Certificate) बनवाना होता है। इसको प्राप्त करने के लिए
- आवेदक जनरल कैटेगरी का होना आवश्यक है |
- आवेदनकर्ता के परिवार की वार्षिक इनकम सालाना आठ लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए |
- आवेदनकर्ता के पारिवारिक सदस्यों के पास पांच एकड़ खेती तथा 1 हजार स्कवायर फुट से अधिक आवासीय भूमि नहीं होनी चाहिए |
- आवेदक या उनके पारिवारिक सदयों में किसी के पास नगर क्षेत्र में रेजिडेंशियल प्लाट 200 वर्ग गज से अधिक नहीं होना चाहिए
- आवेदक का मूल निवास प्रमाण पत्र (Applicant’s Basic Address Proof)
- आवेदक का मोबाइल नंबर (Mobile Number)
- आय प्रमाण पत्र (इंकम सर्टिफिकेट )
- जाति प्रमाण पत्र (Caste Certificate)
- पैन कार्ड
- पासपोर्ट साइज फोटो (Passport size Photo)
- वोटर आईडी कार्ड (Voter ID Card)
- जमीन/संपत्ति के दस्तावेज (Land/Property Documents)
- शपथ पत्र/स्व घोषणा (Affidavit/Self Declaration)